राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय में एनीमिया की समस्या गंभीर है। उन्होंने बिलासपुर में आयोजित स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया, जिसमें 200-300 लोगों के नमूने लिए गए।
दौरे के मुख्य बिंदु:
- आदिवासियों के स्वास्थ्य पर ध्यान:
- आदिवासी समुदाय में एनीमिया की व्यापकता पर चिंता व्यक्त की।
- स्वास्थ्य शिविर में आदिवासियों की स्वास्थ्य स्थिति का अवलोकन किया।
- योजनाओं की समीक्षा:
- कांकेर और भिलाई में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा की।
- एसईसीएल कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर सीएसआर मद और पुनर्वास की स्थिति का आकलन किया।
- खनन परियोजनाओं से प्रभावित आदिवासी:
- खनन परियोजनाओं से आदिवासियों के पुनर्वास और पुनर्स्थापना पर चर्चा की।
- प्रभावित समुदायों को हुए नुकसान की भरपाई के उपायों पर जोर दिया।
- शिक्षा और विकास कार्य:
- एसईसीएल प्रबंधन को आदिवासी बहुल गांवों में शिक्षा और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
- भिलाई में शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि बिलासपुर में भी ऐसे प्रयासों की जरूरत है।
विशेष निर्देश:
- खनन कंपनियों को आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिए जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका निभाने को कहा गया।
- सीएसआर निधि का उपयोग आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करने की सिफारिश की गई।
समुदाय के अधिकारों पर जोर:
आर्य ने कहा कि आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय या शोषण न हो। आदिवासियों के अधिकार और उनके पुनर्वास से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।
यह दौरा आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य और विकास के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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