राज्य स्त्रोत निशक्त जन संस्थान अस्पताल रायपुर के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले पर दायर जनहित पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता ने शासन द्वारा दिए गए शपथपत्र पर आपत्ति की।
शपथपत्र में सील और जरूरी हस्ताक्षर नहीं हैं। साथ ही प्रकरण में आरोपी अधिकारी द्वारा स्वयं को क्लीन चिट देने का मुद्दा भी उठाया गया। इस पर कोर्ट ने शासन को जवाब देने कहा। शासन ने जवाब के लिए दो सप्ताह का समय लिया है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने प्रदेश के वर्तमान और रिटायर्ड आईएएस अफसरों के द्वारा एनजीओ के चिकित्सा केंद्र के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि अस्पताल के नाम फर्जी कर्मचारी दर्शाकर रकम निकाली गई।
याचिकाकर्ता को राज्य स्त्रोत निशक्त जन संस्थान में कार्यरत बताते हुए वेतन निकाला गया। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली तो पता चला कि नया रायपुर स्थित इस कथित अस्पताल को एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा है। इसके लिए करोड़ों की मशीनें खरीदी गईं हैं। इनके रख रखाव में भी करोड़ों का खर्च बताया गया है।
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