सरकार की भर्ती प्रक्रिया से बीएड और डीएड आवेदक दोनों परेशान

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राज्य सरकार की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों ने बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और डीएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) दोनों प्रकार के आवेदकों को असमंजस में डाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्राइमरी स्कूल शिक्षकों के लिए बीएड धारकों को अयोग्य ठहराया गया है, जिससे 3000 से अधिक बीएड सहायक शिक्षकों की नौकरी संकट में है। वहीं, डीएड प्रशिक्षित आवेदक अपनी नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं।


हाईकोर्ट का निर्देश: नई चयन सूची जल्द प्रस्तुत करें

  • डीएड आवेदकों द्वारा दायर अवमानना याचिका के बाद हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को 21 दिनों में नई चयन सूची जमा करने का आदेश दिया था।
  • सरकार ने तय समयसीमा में सूची प्रस्तुत नहीं की, जिससे कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई।
  • अब 10 दिसंबर को सुनवाई में स्थिति और स्पष्ट हो सकती है।

बीएड शिक्षकों की नौकरी पर संकट

  • लगभग 3000 बीएड सहायक शिक्षक, जिन्हें 2023 की परीक्षा और राज्य भर्ती नियम 2019 के तहत नियुक्त किया गया था, अब अयोग्य करार दिए जा रहे हैं।
  • बीएड शिक्षकों का कहना है कि नियमों के तहत उनकी भर्ती हुई थी, इसलिए नियम बदलने पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

बीएड शिक्षकों का तर्क:

  1. भर्ती प्रक्रिया में सूचना, परीक्षा, और मेरिट के आधार पर चयन हुआ।
  2. नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अनुमोदित गजट और छत्तीसगढ़ व्यापमं के नियमों के तहत हुई थी।
  3. उनकी नियुक्ति में नियमों का पालन किया गया, ऐसे में नौकरी से हटाना गलत है।

डीएड आवेदकों को नियुक्ति की उम्मीद

  • कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बीएड शिक्षकों को हटाकर डीएड आवेदकों की नई चयन सूची तैयार की जाए।
  • डीएड प्रशिक्षकों ने कोर्ट के आदेश से अपनी नियुक्ति की उम्मीद जताई है।

प्रमुख डीएड प्रशिक्षकों के बयान:
विकास कौशिक, युवराज, अविनाश, और ओमप्रकाश जैसे प्रशिक्षकों ने कहा कि कोर्ट के आदेश से उनका सपना पूरा हो सकता है।


भर्ती प्रक्रिया और सामाजिक प्रभाव

  • 2900 से अधिक सहायक शिक्षकों में 71% अभ्यर्थी अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से हैं।
  • बीएड शिक्षकों को हटाने का निर्णय न केवल उनके भविष्य पर असर डालेगा, बल्कि प्रभावित वर्गों के लिए भी चिंता का विषय है।

नियुक्ति पर संभावित समाधान

जानकारों का कहना है कि सरकार कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत कर सकती है। इसमें कहा जा सकता है कि भविष्य की भर्तियों में नए नियमों का पालन किया जाएगा। इससे वर्तमान में नियुक्त बीएड शिक्षकों के लिए राहत मिल सकती है।


10 दिसंबर की सुनवाई पर सभी की नजरें

अगली सुनवाई में कोर्ट का क्या निर्णय होगा, यह डीएड आवेदकों और बीएड शिक्षकों दोनों के लिए अहम होगा। हाईकोर्ट का आदेश भर्ती प्रक्रिया में आगे की दिशा तय करेगा।


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