गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, राजयोग भवन, बिलासपुर ने नैतिक शिक्षा, व्यसन मुक्ति, और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोग का उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सकारात्मक कार्यक्रमों को नई दिशा देना है।
समझौते का उद्देश्य
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य:
- मूल्यनिष्ठ और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
- सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना।
- व्यसन मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता फैलाना।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्तव्य
कुलपति का मार्गदर्शन
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल के मार्गदर्शन में, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अभय एस. रणदिवे और ब्रह्माकुमारीज राजयोग भवन की मुख्य प्रभारी बीके स्वाति दीदी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
कुलसचिव का वक्तव्य
प्रो. अभय एस. रणदिवे ने कहा:
“युवा अगर अपनी चेतना को सही दिशा में जागृत करें, तो राष्ट्र निर्माण में देरी नहीं होगी। भारत ने हमेशा चरित्र, अनुशासन, और त्याग की मिसाल दी है। ब्रह्माकुमारीज के शिक्षण और पाठ्यक्रम छात्रों को भारत की महान मूल्य प्रणाली को समझने में मदद करेंगे।”
बीके स्वाति दीदी का संदेश
बीके स्वाति दीदी ने युवाओं की शक्ति को सही दिशा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा:
“युवाओं के मन में असीम संभावनाएं होती हैं। जब वे अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं, तो उनकी पूरी क्षमता उसे हासिल करने में लग जाती है। हमारा उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी, जो देश का भविष्य है, उसे सशक्त और जागरूक बनाया जाए।”
विशिष्ट उपस्थिति और आयोजन
कार्यक्रम में प्रो. रेणु भट्ट (नोडल अधिकारी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग), बीके संतोषी दीदी (वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका), कमल छाबड़ा (लायंस क्लब एंबेसडर), हेमंत अग्रवाल, और अंजू दुआ समेत कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
भविष्य की दिशा
यह समझौता विश्वविद्यालय और ब्रह्माकुमारीज के बीच शिक्षा और समाजोत्थान के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का आधार बनेगा। इस पहल से विद्यार्थियों और समाज के विभिन्न वर्गों को नैतिकता और आत्मसुधार की दिशा में प्रेरणा मिलेगी।
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