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सर्व मछुवारा समाज ने निकाली भव्य शोभायात्रा, वीरांगना बिलासा देवी और गुहा निषाद राज की जयंती पर उल्लास

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सर्व मछुवारा समाज बिलासपुर द्वारा गुहा निषाद राज जयंती और वीरांगना बिलासा देवी जयंती पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा शहर में एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत हुई, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए।

शोभायात्रा की शुरुआत और मार्ग

शोभायात्रा का प्रारंभ सुबह 12 बजे पचरीघाट स्थित बिलासा चबूतरा से हुआ। रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए वीरांगना बिलासा देवी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने पहुंची। यात्रा के दौरान समाज के सभी वर्गों के लोग सक्रिय रूप से भागीदार बने, जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। रैली में श्री गुहा निषाद राज अमर रहे और वीरांगना बिलासा देवी अमर रहे के नारे गूंजते रहे।

बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

शोभायात्रा के दौरान बच्चों द्वारा श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और वीरांगना बिलासा देवी के रूप धारण किए गए थे, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। इसके साथ ही बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिन्हें कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा सराहा गया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने कार्यक्रम की रंगत और बढ़ा दी।

कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि और मछुवारा समाज के नेता

कार्यक्रम में बिलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, संयोजक सुखउराम निषाद और समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर समाज के विभिन्न नेता और सम्मानित व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिनमें किशनलाल केवट, रामप्रसाद कैवर्त, रानी केवट, जीवन धीवर, मनहरणलाल, गणेशराम निषाद, पवन केवट, महेश केवट, ईश्वर केवट, ओमनाथ केवट सहित अन्य समाज के लोग शामिल थे। उनके मार्गदर्शन और सहभागिता ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

वीरांगना बिलासा देवी की जीवंत झांकी

रैली में विशेष आकर्षण का केंद्र वीरांगना बिलासा देवी की जीवंत झांकी थी। यह झांकी ऐतिहासिक वीरता और संघर्ष का प्रतीक थी, जो समाज के संघर्षों और गौरव को दर्शाती थी। झांकी ने दर्शकों के दिलों में वीरांगना के योगदान को और भी गहरी छाप छोड़ी।

शोभायात्रा का मार्ग और समापन

शोभायात्रा गांधी चौक, शिव टॉकीज, पुराना बस स्टैंड, तेलीपारा होते हुए गोलबाजार चौक से होती हुई वीरांगना बिलासा देवी की मूर्ति तक पहुंची। यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पचरीघाट में एक भव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और भविष्य की योजनाओं को साझा किया गया।

विभिन्न ब्लॉकों में भी निकाली गई माता बिलासा की झांकी

इस शोभायात्रा का असर केवल बिलासपुर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि संभाग के विभिन्न ब्लॉकों और क्षेत्रों से माता बिलासा, भगवान राम और भगवान गुहाराज निषाद की झांकी भी निकाली गई। यह झांकियां एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं और समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित कर रही थीं।

मछुवारा समाज की जागरूकता और चुनावी भागीदारी

इस रैली का आयोजन छत्तीसगढ़ मछुवारा स्वराज सेना और छत्तीसगढ़ स्वराज सेना के नेतृत्व में किया गया। रैली के माध्यम से समाज ने अपनी जागरूकता को दर्शाया और आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय चुनावों में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया। समाज ने वर्ष 2025 को “जागृति वर्ष” के रूप में घोषित किया, जिसमें मछुवारा समाज की चुनावी प्रक्रिया में पहली बार भागीदारी की शुरुआत की गई।

समापन और भविष्य की दिशा

समाज ने इस रैली के माध्यम से अपनी एकता, जागरूकता और संघर्ष की भावना को प्रदर्शित किया। यह आयोजन समाज के लिए एक नया अध्याय साबित हुआ, जिसमें उन्होंने अपने अधिकारों और हिस्सेदारी को लेकर नई दिशा में कदम बढ़ाया। इस कार्यक्रम ने बिलासपुर शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल को और भी समृद्ध किया।


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