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कृष्ण रुक्मिणी विवाह की लीला

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कथावाचक पं. योगेश शर्मा ने किया रुक्मिणी विवाह का वर्णन
यातायात नगर परसदा वार्ड 09 में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक वैदिक पं. योगेश शर्मा ने श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की दिव्य कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मिणी के साथ विधिपूर्वक विवाह किया और इस अवसर पर कृष्ण की लीला का विस्तार से उल्लेख किया।

गोपियों से प्रेम और महारास की कथा
श्रीमद्भागवत कथा में कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला का किया वर्णन

कथावाचक पं. योगेश शर्मा ने बताया कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की, जिसे भगवान ने पूरा करने का वचन दिया। इसके बाद शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों से मिलने के लिए कृष्ण ने आह्वान किया। वहां भगवान ने अपनी बांसुरी की धुन से गोपियों का मन मोह लिया और महारास की अद्भुत लीला का आरंभ किया।

रुक्मिणी विवाह की दिव्य झांकी प्रस्तुत
कथा के साथ भव्य विवाह की रस्में

कथावाचक ने रुक्मिणी विवाह का विस्तृत वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक विवाह किया। इस अवसर पर आयोजक मंडली ने आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की झांकी प्रस्तुत की और विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया।

सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन
यातायात नगर परसदा महिला स्व सहायता समूह का सहयोग

यह सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन यातायात नगर वार्ड 09 परसदा महिला स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया, जो श्रद्धालुओं को भावविभोर कर रहा है।

निष्कर्ष:
यह आयोजन कृष्ण भक्ति और प्रेम की अद्भुत मिसाल पेश करता है, जिसमें श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की दिव्य लीला का अनुभव हुआ।


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