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बिलासपुर, 24 मार्च 2025:
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता कुमारी ने आज ‘आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत महिलाओं से प्राप्त शिकायतों की जन सुनवाई की। इस दौरान कुल 48 मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 35 मामलों का त्वरित निराकरण किया गया। शेष मामलों के समाधान के लिए पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है।
श्रीमती कुमारी ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि महिलाओं के मुद्दों का संवेदनशीलता और शीघ्रता से समाधान किया जाए, जिससे पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह एवं एडीएम श्री आर. ए. कुरूवंशी उपस्थित रहे।
पांच जिलों की महिलाओं को मिला न्याय
बिलासपुर पुलिस लाइन के चेतना हॉल में आयोजित इस जन सुनवाई में जांजगीर, कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली सहित पांच जिलों से प्राप्त शिकायतों की सुनवाई की गई। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती कुमारी ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक प्रकरण की समीक्षा की और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिलाओं के मामलों में अधिक संवेदनशीलता बरती जाए और उनका शीघ्र समाधान किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि पुलिस गंभीरता से मामलों की जांच और कार्रवाई करे, तो पीड़ितों को आयोग तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने थाना प्रभारियों को आदेश दिए कि सभी लंबित मामलों का समाधान एक सप्ताह के भीतर करें।
महिला सुरक्षा और न्याय के लिए आयोग की पहल
जन सुनवाई के बाद प्रेस वार्ता में श्रीमती कुमारी ने बताया कि घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना जैसे गंभीर मामलों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए यह पहल की गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग देशभर में संभाग स्तर पर महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई कर रहा है, ताकि महिलाएं सम्मानपूर्वक और तनावमुक्त जीवन जी सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्थापित सखी वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा रहा है।
महिला सुरक्षा केंद्रों और संस्थानों का निरीक्षण
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता कुमारी ने महिला हेल्पलाइन, सखी वन स्टॉप सेंटर, बालिका गृह, कामकाजी महिला हॉस्टल और वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला केसरिया, राष्ट्रीय महिला आयोग की साइकोलॉजिस्ट सुश्री सलोनी प्रभाकर, कानूनी सलाहकार साहिल कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, पुलिस प्रशासन और वकीलों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

👉 महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग प्रतिबद्ध है। “संवेदनशील बनें, न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें।”
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