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अमेरिका दौरे पर PM मोदी, ट्रंप ने भारत को दिया F-35 लड़ाकू विमान का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक मुलाकात वॉशिंगटन डीसी में गुरुवार देर रात 3 बजे (भारतीय समयानुसार) हुई। यह बैठक वैश्विक स्तर पर बड़ी चर्चा का विषय रही, क्योंकि यह ट्रंप के राष्ट्रपति पद की दूसरी पारी में मोदी के साथ पहली महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा सहयोग और वैश्विक रणनीति जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
भारत को अमेरिका की बड़ी पेशकश – F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स
बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को F-35 स्टेल्थ लड़ाकू विमानों की पेशकश की घोषणा की। यह ऐलान व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका 2025 से भारत को सैन्य उपकरणों की बिक्री बढ़ाएगा और भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने में सहायता करेगा।
क्या भारत लेगा F-35 की पेशकश?
अगर भारत इस पेशकश को स्वीकार करता है, तो यह F-35 लड़ाकू जेट को अपने शस्त्रागार में शामिल करने वाला पहला गैर-नाटो और गैर-प्रशांत अमेरिकी सहयोगी बन सकता है। इससे भारतीय वायुसेना की हवाई युद्ध क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। हालांकि, ट्रंप ने इस डील की समय-सीमा को स्पष्ट नहीं किया है।
F-35 – दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान
F-35 दुनिया का सबसे एडवांस्ड स्टेल्थ फाइटर जेट है, जो हर मौसम में उड़ान भरने और दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम है। यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस और टारगेटेड स्ट्राइक मिशन को अंजाम दे सकता है।
F-35 के तीन वैरिएंट्स:
- F-35A – पारंपरिक टेक-ऑफ और लैंडिंग (CTOL) संस्करण, जिसका उपयोग अमेरिकी वायु सेना करती है।
- F-35B – शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) संस्करण, जिसका उपयोग अमेरिकी मरीन कॉर्प्स करता है।
- F-35C – कैरियर-आधारित संस्करण, जिसे अमेरिकी नेवी के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा विकसित किया गया है, और इसकी कीमत $80 मिलियन से $115 मिलियन प्रति यूनिट तक हो सकती है।
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग का नया अध्याय

PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की इस मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और अमेरिका के रक्षा और सैन्य सहयोग को और गहरा किया जाएगा। इस डील के जरिए भारत को नए और उन्नत हथियारों तक पहुंच मिलेगी, जिससे उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक शक्ति और भी मजबूत होगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत F-35 की इस ऐतिहासिक पेशकश को स्वीकार करता है या नहीं। क्या यह डील भारत की वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी? समय ही बताएगा! 🚀🇮🇳🇺🇸