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पामगढ़। विश्व जल दिवस के अवसर पर पामगढ़ में सैकड़ों ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए एक जागरूकता रैली निकाली। रैली से पूर्व एक सभा आयोजित की गई, जिसमें सभी उपस्थित नागरिकों ने हसदेव के जंगलों को संरक्षित रखने की शपथ ली।
इस अवसर पर बिलासपुर से आए हसदेव नदी जंगल बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता प्रथमेश सविता ने कहा कि हसदेव आंदोलन को पूरे क्षेत्र में विस्तार देने की आवश्यकता है। उन्होंने पामगढ़ सहित आसपास के गांवों में संगठन निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने इस बात से सहमति जताई कि इस क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह बांगो बांध की नहरों पर निर्भर है। यदि कोयला खदानों के लिए जंगलों की कटाई जारी रही, तो भविष्य में इस क्षेत्र में सूखे और जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
सभा में जांजगीर से आए पर्यावरणविद् दिनेश शर्मा ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि बांगो बांध पहले ही 18% सिल्ट से भर चुका है और हर 20 वर्षों में इसमें 10% सिल्ट और जमा हो जाती है। यदि जंगलों की कटाई को नहीं रोका गया, तो यह प्रक्रिया कई गुना तेज हो जाएगी, जिससे बांध की जल संग्रहण क्षमता और भी कम हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की जल प्रबंधन नीतियों में गंभीर खामियां हैं, जिसके कारण तीन फसलों के लिए पानी देने का वादा करने वाला यह बांध अब दूसरी फसल के लिए भी जल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
सभा में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती प्रीति अजय दिव्य उपस्थित रहीं, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गौरी छोटू जांगड़े ने की। इस दौरान प्रमुख रूप से अधिवक्ता तिवारी जी, भूतपूर्व सैनिक यादव जी, डॉ. चैतराम देवखटकर, रामनाथ जितपुरे, मिथिलेश बघेल, अभिषेक मिश्रा, डॉ. हेमंत कश्यप, पवन मित्तल, राहुल राय, मंगल अजगल्ले, परदेशी कश्यप, ईश्वर साहू, टिकेश्वर चंद्रा और अजय मिश्रा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन एवं शपथ ग्रहण समारोह का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता कुमारी काजल कसेर ने किया। सभा के उपरांत, हसदेव के जंगलों को बचाने और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकाली।
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