Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

चर्च ऑफ ख्राईस्ट में नव वर्ष पर विशेष आराधना

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

सीएमडी चौक स्थित चर्च ऑफ ख्राईस्ट में नव वर्ष के उपलक्ष्य में विशेष आराधना का आयोजन किया गया। सीनियर फादर सुदेश पॉल के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पुराने वर्ष को विदाई और नए वर्ष का स्वागत किया गया।

प्रमुख गतिविधियां और संदेश

  • आराधना का उद्देश्य:
    पास्टर सुदेश पॉल ने बताया कि नया वर्ष नई सोच और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने का समय है। उन्होंने नई विचारधारा अपनाने और सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित किया।
  • उपदेश: पास्टर शामुएल वालेश ने उपदेश दिया और जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर दिया।
  • बाइबल पठन और प्रार्थना:
    • बाइबल पठन: बोल्डी कुमार।
    • प्रार्थना में अगुवाई: मार्ग्रेट पॉल, प्रीति वालेस, और मंजू निशा।

विशेष पहल

  • जरूरतमंदों की सहायता: चर्च की ओर से 44 विधवा माताओं और जरूरतमंदों को विशेष उपहार वितरित किए गए।
  • नन्हे बच्चों का नामकरण: नामकरण और अर्पण विधि के माध्यम से बच्चों को आशीर्वाद दिया गया।

जनवरी 2025: विशेष रविवार कार्यक्रम

  1. प्रथम रविवार: युथ संडे।
  2. द्वितीय रविवार: महिला संडे।
  3. तृतीय रविवार: मेंश फैलोशिप संडे।
  4. चौथा रविवार: विशेष संडे।

क्रिसमस से नव वर्ष तक के कार्यक्रम

  • क्रिसमस पर्व और नव वर्ष के आराधना कार्यक्रमों का समापन नव वर्ष की प्रार्थना के साथ किया गया।
  • कार्यक्रम की सफलता में चर्च के सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा। प्रमुख योगदानकर्ताओं में विल्सन जॉन मसीह, सनी जॉन, राकेश पॉल, राहुल जॉन, मुकेश पाल, एडवर्ड मसीह, अरविंद कुमार, अविनाश दास, सनी लुइस, और अभिषेक सोनले शामिल थे।

चर्च ऑफ ख्राईस्ट के इस आयोजन ने सामुदायिक एकता और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

🪔 “उस घर का आख़िरी दीप” 🪔

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article गाँव उसकर की पगडंडी पर एक पुराना घर है —कभी वहाँ दीपावली की रातें तारे बनकर उतर आती थीं।आँगन में माँ दिया जलाते हुए कहती थीं,“दीया सिर्फ़ तेल से नहीं, यादों से भी जलता है बेटा।”और पिता तुलसी चौरे के पास…

सोने-चाँदी नहीं, बच्चों की वापसी बनी हमारी असली धनतेरस

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article — डॉ. एस. के. मिश्रा धनतेरस की भोर थी। आसमान में हल्की गुलाबी रोशनी तैर रही थी, और पूरे मोहल्ले में उत्सव की सुगंध घुली हुई थी। बाजारों में चाँदी की खनक और दीयों की झिलमिलाहट थी, लेकिन हमारे घर की…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *