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बिलासपुर। बुधवार रात हुई तेज बारिश ने नगर निगम की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की मनमानी को उजागर कर दिया। वार्ड-19 के कस्तूरबा नगर सहित आसपास की कॉलोनियों में नाले का पानी भरने से भारी तबाही मची। पार्षद भरत कश्यप द्वारा जतिया तालाब का नाला बंद करवा देने से सड़कों और घरों में पानी भर गया। करंट लगने से स्वर्ण जयंती नगर निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर आलोक दीक्षित की मौत हो गई।
बारिश रुकने के बाद भी कॉलोनियों में गंदगी और कीचड़ का अंबार बना हुआ है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। नाराज लोगों ने इस मामले की शिकायत नगर निगम आयुक्त, महापौर, नगर विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से की है।
नाला बंद, कॉलोनियों में 2 फीट तक पानी
वार्ड 19 के पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप ने बुधवार को जतिया तालाब में जलभराव के नाम पर नाले को जबरन बंद करवा दिया। इससे पारिजात, स्वर्ण जयंती नगर, नेहरू नगर, शांति नगर, पत्रकार कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में 2 फीट तक पानी भर गया।
कई घरों में पानी घुस गया, जिससे फर्नीचर, घरेलू सामान और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए। घरों के बाहर खड़ी कारों और दोपहिया वाहनों में भी पानी भर गया, जिससे उनके इंजन तक खराब हो गए।
कर्मचारियों पर बनाया गया दबाव
रातभर कॉलोनीवासी पार्षद, निगम आयुक्त और महापौर को फोन लगाते रहे, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। रात 3:30 बजे महापौर पूजा विधानी ने दिल्ली से कॉल रिसीव कर स्थिति की जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
सुबह जब लोग जतिया तालाब पहुंचे, तो वहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि पार्षद कश्यप के दबाव में नाले का गेट बंद किया गया था। जब कर्मचारियों ने निगम आयुक्त और महापौर के निर्देशों का हवाला देकर नाला बंद करने से इनकार किया, तो पार्षद ने उन्हें धमकाया और नाला बंद कराने पर जोर दिया।

करंट से प्रोफेसर की मौत, हत्या का मामला दर्ज करने की मांग
नाले के पानी से घर में करंट फैल गया, जिससे स्वर्ण जयंती नगर निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर आलोक दीक्षित की मौत हो गई। क्षेत्रवासियों ने इसे पार्षद की हठधर्मिता और लापरवाही का नतीजा बताते हुए गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है।
विरोधस्वरूप नगर विधायक अमर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया, साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी से मांग की गई कि नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। नगर निगम आयुक्त से भी तत्काल दोषियों पर कार्रवाई करने की अपील की गई है।
पार्षद का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
पार्षद भरत कश्यप ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने तालाब में पानी भरवाने के लिए नाला बंद कराया था। सुबह लोगों के विरोध पर नाला खोला गया, जिससे पानी निकला, लेकिन इसके बाद वह दोबारा पानी बंद कराने पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र में जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया, न ही सड़कों की गंदगी और कीचड़ हटाने के लिए कोई प्रयास किया।
बिजली व्यवस्था भी चरमराई
तेज बारिश के कारण नेहरू नगर क्षेत्र में पूरी रात बिजली गुल रही। सुबह 9 बजे कुछ समय के लिए बिजली आई, लेकिन एक घंटे में फिर कट गई और दिनभर सप्लाई बंद रही। हाईकोर्ट की फटकार के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे। कॉल सेंटर और अधिकारियों के नंबर या तो व्यस्त रहते हैं या कोई रिसीव नहीं करता।
वर्जन
अमित कुमार, निगम आयुक्त
“जतिया तालाब से जुड़े नाले को बारिश के दौरान बंद नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद नाला बंद किया गया तो यह गंभीर मामला है। संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ कर कार्रवाई की जाएगी।”
पूजा विधानी, महापौर
“पार्षद, महापौर या नेता प्रतिपक्ष कोई भी हो, जनता की सेवा और समस्याओं का समाधान उनकी पहली जिम्मेदारी है। करंट से हुई मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है। मैंने खुद अधिकारियों को पानी निकासी के निर्देश दिए थे। बारिश में जल निकासी रोकना बिल्कुल अनुचित है। पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।”



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