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बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, जिसे नैक द्वारा A++ ग्रेड प्राप्त है, के आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) द्वारा “कॉन्ट्रीब्यूशन ऑफ फैकल्टी इन द ग्रोथ ऑफ ए यूनिवर्सिटी” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 24 मार्च 2025 को रजत जयंती सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने विचार व्यक्त किए।
शिक्षक का कर्तव्य – समाज में सकारात्मक बदलाव लाना
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि जब तक हम आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर नहीं होंगे, तब तक चुनौतियों का शांत मन से सामना नहीं कर पाएंगे। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन, जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों, समाज और राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। परमार्थ शिक्षक का मूल स्वभाव है, और यह निस्वार्थ भाव ही एक शिक्षक को महान बनाता है।
उन्होंने आगे कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को विश्व के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में स्थान दिलाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। ज्ञान एक प्रवाहमान नदी की तरह है, जिसमें निरंतर नवीनता का संचार आवश्यक है। शिक्षक का दायित्व सिर्फ शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को रचनात्मकता और नवाचार से सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना भी उसका कर्तव्य है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध का महत्व
सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. नीलांबरी दवे ने इस अवसर पर कहा कि कुलपति प्रो. चक्रवाल के कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है, जिसका प्रमाण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त उत्कृष्ट रैंकिंग है। उन्होंने शिक्षकों को शोध और शिक्षण के साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ने की सलाह दी।

अन्य वक्ताओं के विचार
इस कार्यक्रम में IQAC निदेशक प्रो. अमित कुमार सक्सेना और कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे ने भी अपने विचार साझा किए।
- कार्यक्रम का संचालन: डॉ. राजेश शर्मा
- धन्यवाद ज्ञापन: डॉ. अमित कुमार गुप्ता
इससे पहले मंचासीन अतिथियों का शॉल, श्रीफल और नन्हा पौधा भेंटकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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