👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं
भ्रष्टाचार को बताया राष्ट्र का दुश्मन, सख्त सजा की जरूरत
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए टिप्पणी की कि भ्रष्टाचार राष्ट्र का सबसे बड़ा दुश्मन है और भ्रष्ट लोक सेवकों को सख्त सजा देना बेहद आवश्यक है।
घोटाले के गंभीर आरोप
हाईकोर्ट ने कहा कि टूटेजा के खिलाफ आरोप पत्र में दर्ज आरोप अत्यंत गंभीर हैं। जांच में खुलासा हुआ कि उन्होंने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट्स को रिश्वत देने की प्रक्रिया को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
सिंडिकेट का प्रमुख व्यक्ति
राज्य शासन ने कोर्ट को बताया कि अनिल टूटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ शराब घोटाले में एक आपराधिक सिंडिकेट चला रहे थे। इस सिंडिकेट ने सरकारी नियमों को तोड़ते हुए अवैध शराब बिक्री का नेटवर्क स्थापित किया। टूटेजा को सिंडिकेट का मुख्य व्यक्ति बताते हुए राज्य ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।
चिकित्सा समस्याओं का हवाला
टूटेजा ने अपनी जमानत याचिका में स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला दिया, जिसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, यकृत विकार, उच्च रक्तचाप और चिंता का उल्लेख किया। हालांकि, कोर्ट ने इसे गंभीर समस्या नहीं मानते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इस आधार पर जमानत का दावा करना तर्कसंगत नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि भ्रष्टाचार जैसे अपराध समाज और राष्ट्र के लिए घातक हैं। इस तरह के अपराधियों को जमानत देकर रिहा करना न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोक सेवकों को दंडित करना कानून के लिए अनिवार्य है।
मामले की पृष्ठभूमि
अनिल टूटेजा और अन्य आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शराब की अवैध बिक्री से करोड़ों रुपये का घोटाला किया। इस घोटाले में रिश्वतखोरी और सिंडिकेट के जरिए नियमों को ताक पर रखने की बातें सामने आईं।
कोर्ट के आदेश के बाद अगली कार्रवाई
कोर्ट के इस आदेश के बाद टूटेजा की जेल से रिहाई की संभावना समाप्त हो गई है। राज्य शासन अब इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगा।
यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ न्यायपालिका की सख्त रुख का उदाहरण है और भ्रष्ट लोक सेवकों के लिए कड़ा संदेश है।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.