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बिलासपुर। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में शहर के विकास को रोकते हुए निगम की बेशकीमती जमीनों को अपने चहेतों में बांट दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में घालमेल कर सार्वजनिक भूमि को बहुत कम कीमतों पर बेच दिया गया, और इस खेल में कांग्रेस के कई बड़े जनप्रतिनिधि भी शामिल थे।
जिला भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अमर अग्रवाल ने कांग्रेस के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया और कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान 77 लाख रुपये का एफडीआर घोटाला हुआ, जो कांग्रेस के महापौर के प्रशासन पर सीधा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की दुकानों का किराया वर्षों तक गबन होता रहा, लेकिन कांग्रेस महापौर ने जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज किया।
अग्रवाल ने कहा, “कांग्रेस के महापौर और पूर्व विधायक के बीच संवादहीनता और भ्रष्टाचार के कारण बिलासपुर के विकास में पांच साल तक रुकावट आई। व्यापार विहार में करोड़ों रुपये की बेशकीमती भूमि को भ्रष्टाचार के जरिए कौड़ी के भाव नीलाम कर दिया गया।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के दौरान प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि नगर विकास के लिए दी जाती थी, जबकि कांग्रेस सरकार ने न तो कोई राशि प्रदान की और न ही कोई विकास कार्य करवाए। नगर निगम की सीमा विस्तार के बावजूद, आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के वार्डों में पानी, बिजली, और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी परियोजना में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें आवंटित राशि का दुरुपयोग किया गया। कोनी क्षेत्र में सीसी रोड का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका, जिससे बारिश के दौरान सड़कों में जलभराव और कीचड़ की समस्या बनी हुई है।
गरीबों के खिलाफ अन्याय: 65 हजार रुपये का पानी बिल
अग्रवाल ने राहुल गांधी द्वारा खुद को गरीबों का मसीहा बताए जाने के संदर्भ में कहा कि उनकी पार्टी के महापौर ने 2022 में बिलासपुर नगर निगम द्वारा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के हर घर को 65,000 रुपये का पानी बिल थमाकर गरीबों के साथ घोर अन्याय किया। यह कदम गरीबों के लिए असहनीय साबित हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को भी प्रशासनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करना पड़ा। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर नगर निगम की लापरवाही को उजागर किया है।

अग्रवाल ने यह भी बताया कि सिटी बस शुरू करने का वादा भी अधूरा रह गया। दिसंबर 2022 और 2023 में इस योजना की शुरुआत की घोषणा की गई थी, लेकिन यह पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी।
इस अवसर पर भाजपा के अन्य नेता जैसे बिलासपुर शहर के जिला अध्यक्ष दीपक सिंह, बिलासपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष मोहित जायसवाल, भाजपा महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी, पूर्व महापौर वाणी राव, पूर्व जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत, गुलशन ऋषि और भाजपा मीडिया प्रभारी प्रणव शर्मा समदरिया भी उपस्थित रहे।
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाए थे
2 फरवरी को कांग्रेस ने रायपुर में भाजपा के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था। इसमें कांग्रेस ने कहा कि पिछले एक साल में राज्य की जनता बदहाल हो गई है, जबकि भाजपा के सत्ताधीश मालामाल हो गए हैं। कांग्रेस ने राज्य सरकार की नीतियों को दिशाहीन और निर्णयहीन बताया और कहा कि ये नीतियां हर वर्ग को परेशान कर रही हैं। कांग्रेस ने छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री बंद करने के मुद्दे को नगरीय निकाय और पंचायतों में उठाने की बात की। इसके अलावा, कांग्रेस ने भाजपा पर किसानों के साथ वादाखिलाफी, महंगाई और बेरोजगारी के आरोप भी लगाए।
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