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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद सत्र के दौरान अपने 8वें बजट की प्रस्तुति दी। इस बजट का उद्देश्य कृषि, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा करना था। यह बजट मोदी 3.0 के तहत उनका दूसरा पूर्ण बजट था। इस बजट के दौरान कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पहल की गईं, जिनमें कृषि क्षेत्र को बढ़ावा, रोजगार योजनाओं की शुरुआत, कर लाभ, MSME के लिए योजनाएं, और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
पार्लियामेंट सत्र
पार्लियामेंट का बजट सत्र 31 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था और यह 13 फरवरी 2025 तक चलेगा। इसका दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक होगा।
वित्त मंत्री का 8वां बजट भाषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2025-26 मोदी सरकार के तहत उनका दूसरा और कुल मिलाकर आठवां बजट था। अब तक उन्होंने छह वार्षिक और दो अंतरिम बजट प्रस्तुत किए थे। इस बजट में कृषि, रोजगार, MSME, और बुनियादी ढांचे के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं।
भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव
1 फरवरी 2025 को बजट के दिन, BSE और NSE शेयर बाजार खुले रहे, जो आमतौर पर शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं। इस दिन लाइव ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया गया।
बजट 2025 में किए गए प्रमुख बदलाव और घोषणाएं:
आयकर और टैक्स संबंधी सुधार
- वित्त मंत्री ने PIT (Personal Income Tax) में सुधार की घोषणा की और TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) को आसान बनाने के लिए कुछ कदम उठाए।
- सरकार ने कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी के कचरे, सीसा, जिंक और 12 अन्य आवश्यक खनिजों पर कस्टम ड्यूटी (BCD) में छूट की घोषणा की।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी निर्माण से संबंधित 35 अन्य आइटम और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण के लिए 28 आइटम को पूंजीगत सामान की छूट सूची में जोड़ा गया।
गिग इकॉनमी पर ध्यान
- गिग कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र दिए गए, जिनमें स्विग्गी, जोमैटो, जेप्टो और बिग बास्केट जैसे प्लेटफार्मों पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल थे।
- इसके तहत इन कार्यकर्ताओं को PM जन आरोग्य योजना के तहत कवर किया गया और उनकी पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए e-Shram पोर्टल का उपयोग किया गया।
नई कर व्यवस्था:
- आयकर स्लैब में बदलाव किए गए, जिसके अनुसार:
- ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
- ₹8 लाख से ₹12 लाख तक की आय पर 10% टैक्स
- ₹12 लाख से ₹16 लाख तक की आय पर 15% टैक्स
- ₹16 लाख से ₹20 लाख तक की आय पर 20% टैक्स
- ₹20 लाख से ₹25 लाख तक की आय पर 25% टैक्स
- ₹25 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स
महत्वपूर्ण घोषणाएं:
- ग्रामीण भारत:
- ₹15,000 करोड़ की आवंटन राशि से 1 लाख हाउसिंग यूनिट्स का निर्माण।
- कच्चे तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन शुरू।
- स्वास्थ्य:
- सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर्स की स्थापना की जाएगी।
- जीवन रक्षक दवाओं पर 5% ड्यूटी होगी, जबकि 36 दवाओं को कस्टम ड्यूटी से छूट दी जाएगी।
- शिक्षा:
- स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी।
- IIT पटना का विस्तार और अन्य शिक्षा संस्थानों के लिए अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर।
- कृषि:
- तेल बीजों में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन शुरू किया गया।
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से ₹5 लाख तक बढ़ाई गई।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर:
- राज्यों को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों के लिए ₹1.5 लाख करोड़ की ब्याज मुक्त ऋण राशि प्रदान की जाएगी।
- अगले दशक में 100 नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों के निर्माण का लक्ष्य।
- महिलाओं का विकास:
- SC/ST और पिछड़ी जातियों की महिलाओं के लिए ₹2 करोड़ तक के टर्म लोन की सुविधा।
- जल प्रबंधन:
- जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया।
- नई प्रौद्योगिकी:
- AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये की राशि से एक नया केंद्र स्थापित किया जाएगा।

आर्थिक स्थिरता और वित्तीय प्रबंधन
बजट 2025-26 का उद्देश्य भारत की वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना है, साथ ही राष्ट्रीय वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसका प्रमुख लक्ष्य सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और सब्सिडी में सुधार करना है। यह बजट सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में सहायक होगा।
वित्तीय निष्कलंकता
फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य 2025 के लिए 4.8% पर तय किया गया है, और कुल पूंजीगत व्यय ₹10.18 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है।
महत्वपूर्ण पहलें और घोषणा की गई योजनाएं
- विदेशी निवेश (FDI): इंश्योरेंस सेक्टर में FDI सीमा 100% तक बढ़ाई गई।
- यातायात और हवाई क्षेत्र: उधार पर टैक्स छूट, 120 नए हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए उड्डयन क्षेत्र में सुधार योजनाएं लागू की गईं।
- उत्पादन और स्वदेशी प्रौद्योगिकी: “Make in India” और क्लीन टेक्नोलॉजी के निर्माण पर बल दिया गया।
निष्कर्ष
बजट 2025-26 एक ऐतिहासिक कदम होगा जो भारत के सामाजिक, आर्थिक, और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा। इसमें कई नए प्रस्तावों की घोषणा की गई है जो सभी क्षेत्रों में समग्र विकास को गति देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
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