श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, क्रांति नगर में विश्व शांति की मंगलकामना हेतु आयोजित श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ के आठवें दिन का आयोजन भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। यह अनुष्ठान श्रीमंत सेठ विनोद रंजना जैन और समस्त कोयला परिवार द्वारा आयोजित किया गया है।
अर्ध समर्पण और विधान की विशेषता
आठवें दिन विधानाचार्यों ने 1024 श्लोकों के साथ अर्ध समर्पित किए। अब तक के आठ दिनों में कुल 2040 अर्ध चढ़ाए जा चुके हैं। यह विधान जैन समाज के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। विधान का अंतिम दिन हवन और विशेष अनुष्ठान के साथ संपन्न होगा।
इस विधान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में ललितपुर से पधारे विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया और पंडित मधुर जी जैन का विशेष योगदान रहा।
विधानाचार्य का प्रेरक संदेश
विधानाचार्य मनोज भैया ने अनुष्ठान के दौरान जीवन के मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“बड़ा बनने के लिए बड़े काम करना जरूरी नहीं है। व्यक्ति अपनी मेहनत और छोटी-छोटी बातों और कार्यों को ध्यानपूर्वक पूरा करने से बड़ा बनता है।”
महायज्ञ का उद्देश्य और महत्व
यह आयोजन न केवल जैन समाज की धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि इसमें विश्व शांति और सद्भाव की कामना भी की गई। इस दौरान समाज के विभिन्न वर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और आयोजन को सफल बनाया।
आयोजन के समापन पर हवन और प्रसाद वितरण किया जाएगा, जिससे इस महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान ने पूरे क्षेत्र में भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना दिया है।
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