बिलासपुर वन मंडल ने जंगल के अंदर अवैध उत्खनन करने वाले खनन माफियाओं पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 बड़ी गाड़ियों को राजसात कर शासकीय संपत्ति घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई प्रभारी डीएफओ और प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारी अभिनव कुमार के नेतृत्व में की गई।
घटना का विवरण
- दिनांक: 30 सितंबर 2024
- स्थान: धोबघाट, अरपा नदी किनारा, रतनपुर वन परिक्षेत्र
- कार्रवाई: गश्त के दौरान टीम ने संरक्षित क्षेत्र में पोकलेन मशीन से अवैध उत्खनन और हाइवा गाड़ियों से अवैध रेत परिवहन की सूचना पर छापा मारा।
- वाहन चालकों से वैध दस्तावेज मांगे गए, परंतु कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया।
कानूनी प्रक्रिया और आदेश
सवा महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत इन सभी वाहनों को राजसात करने का आदेश जारी किया गया।
- वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष दर्ज किया गया।
- वाहन मालिकों ने अवैध खनन और परिवहन की बात लिखित में स्वीकार की।
- जांच में संरक्षित क्षेत्र में अवैध गतिविधियों की पुष्टि हुई।
राजसात किए गए वाहन
राजसात किए गए 10 वाहनों की सूची:
- हाइवा (CG 10 AE 9073): प्रतीक गुप्ता, धनेश्वर कोटा
- हाइवा (CG 10 BG 9028): चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर
- हाइवा (CG 10 BT 7814): चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर
- हाइवा (CG 10 AD 8456): शिवम दुबे, रंजन दुबे, कोटा
- हाइवा (CG 10 BT 6694): सतीश साहू, नंगोई
- हाइवा (CG 28 N 7924): रवि गुप्ता
- ट्रैक्टर (CG 10 BT 1627): मोनू जायसवाल, रोहित
- ट्रैक्टर (CG 10 BH 3157): सावन कुमार, रमेश
- पोकलेन: पिंटू केशरवानी, बेलगहना
- बाइक (CG 10 BO 0764): मोनू जायसवाल
वन विभाग की सख्त कार्रवाई का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर खनन माफियाओं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई दर्शाती है कि वन विभाग किसी भी राजनीतिक दबाव के बिना पर्यावरण और कानून की रक्षा के लिए तत्पर है।
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