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छत्तीसगढ़ में जमीन दान, बंटवारे, और हक त्यागने पर पंजीयन शुल्क में भारी छूट का कैबिनेट फैसला भले ही हो गया है, लेकिन इसका लाभ आम जनता तक अभी नहीं पहुंच पाया है। नोटिफिकेशन जारी न होने की वजह से अब भी पुराने नियमों के अनुसार ही जमीन हस्तांतरण किया जा रहा है।
कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला:
राज्य सरकार ने जनता को राहत देने के उद्देश्य से दान, बंटवारे और हक त्याग के पंजीयन शुल्क को 0.8% बाजार मूल्य से घटाकर मात्र 500 रुपए कर दिया है।
- पहले 1 करोड़ की संपत्ति पर 80,000 रुपए पंजीयन शुल्क देना पड़ता था।
- अब संपत्ति के मूल्य से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और शुल्क केवल 500 रुपए ही रहेगा।
हालांकि, स्टांप शुल्क (0.5%) और 200 रुपए प्रति बंटवारा शुल्क को पूर्ववत रखा गया है।
राहत का इंतजार:
कैबिनेट के फैसले को 2 सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।
इस वजह से पंजीयन कार्यालयों में लोग नई दरों के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।
- बिलासपुर क्षेत्र:
- हर साल 2,000 से अधिक प्रकरण दान, हक त्याग और बंटवारे के आते हैं।
- इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक 815 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं।
- इनमें 578 प्रकरण संपत्ति दान और 237 हक त्याग के हैं।
नई दरों के फायदे:
- पारिवारिक दान:
पुत्र, पुत्री, पौत्र, नाती जैसे रक्त संबंधियों को संपत्ति उपहार देने पर अब केवल 500 रुपए पंजीयन शुल्क लगेगा। - हक त्याग:
संयुक्त परिवार में सदस्य अपनी हिस्सेदारी का त्याग करेंगे तो भी 500 रुपए शुल्क पर प्रक्रिया पूरी होगी। - बंटवारानामा:
किसानों और अन्य संयुक्त संपत्ति धारकों को अपनी संपत्ति अपने नाम करवाने में सहूलियत होगी।
संभावित वृद्धि:
पंजीयन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक:
- पिछले साल 17,125 पारिवारिक दान, 7,000 हक त्याग, और 850 बंटवारानामा के मामले दर्ज हुए।
- नई दरें लागू होने के बाद मामलों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
जिला पंजीयक आर. स्वर्णकार का कहना है कि आदेश जारी होने के बाद नई दरें लागू हो जाएंगी, जिससे संपत्ति हस्तांतरण के मामले और सुगम और किफायती हो जाएंगे।
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