रतनपुर के ऐतिहासिक भैरव बाबा मंदिर में इस साल भी 9 दिवसीय रुद्र महायज्ञ का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है। यह धार्मिक आयोजन विश्व शांति और जनकल्याण की कामना के साथ किया जा रहा है। हर साल भैरव जयंती के अवसर पर यह महायज्ञ आयोजित होता है, और इस बार 21 नवंबर से इसकी शुरुआत हुई।
कलश यात्रा और पूजन का आयोजन
रुद्र महायज्ञ की शुरुआत कलश यात्रा से हुई, जो भैरव मंदिर से शुरू होकर दुलहरा तालाब तक गई और फिर खंडोबा मंदिर होते हुए वापस भैरव मंदिर पहुंची। यहां पर विधिपूर्वक पूजन किया गया। इस यात्रा में श्रद्धालुओं ने जल भरकर यज्ञ स्थल तक पहुंचाया।
महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी के अनुसार, पहले यह आयोजन 5 दिन का होता था, फिर इसे बढ़ाकर 7 दिन किया गया। अब, 3 वर्षों से यह महायज्ञ 9 दिन तक चलने लगा है। इस साल भी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के वैदिक विद्वानों और आचार्यों द्वारा रुद्र महायज्ञ और अन्य अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्य आयोजन और उद्देश्य
रुद्र महायज्ञ का उद्देश्य जनकल्याण और विश्व शांति है। हर साल इस आयोजन के माध्यम से देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की जाती है। आयोजन में रुद्र महायज्ञ, भैरव सहस्त्रनाम, रुद्राष्टाध्याई और विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप एवं पाठ मंदिर परिसर में किया जाता है।
रामलीला का मंचन
रुद्र महायज्ञ के साथ-साथ, रामलीला का मंचन भी हर साल की तरह इस बार भी 9 दिनों तक रात 8 बजे से 12 बजे तक होगा। रामलीला के मंचन का लुत्फ श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक उठाते हैं।
संयोजन और प्रबंधन
इस महोत्सव के आयोजन में तंत्र अधिष्ठाता श्री भैरव बाबा के जन्मोत्सव समारोह को यादगार बनाने के लिए क्षेत्र भर के भक्तजन जुटे हुए हैं। मंदिर प्रबंधन के सदस्य पंडित दिलीप दुबे, कान्हा तिवारी, राजेन्द्र दुबे, महेश्वर पांडेय, विक्की अवस्थी, सोनू तम्बोली और अन्य लोग आयोजन की तैयारियों में लगे हुए हैं।
इस धार्मिक महायज्ञ और रामलीला के आयोजन से क्षेत्रवासियों को आध्यात्मिक शांति और उत्सव का आनंद मिल रहा है।
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