सिख धर्म के नवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के जीवन और बलिदान पर आधारित नाटक ‘हिन्द दी चादर’ का भावपूर्ण मंचन सिम्स ऑडिटोरियम में किया गया। इस नाटक का आयोजन आदर्श कला मंदिर द्वारा किया गया, जो देवेंद्र सिंह सिब्बल रायपुर की किताब से प्रेरित और लेखक भरत वेद द्वारा लिखा गया है।
नाटक को दस दृश्यों में बांटा गया था, जिसमें सूत्रधारों के माध्यम से गुरु तेग बहादुर के बचपन, उनके गुरु बनने की यात्रा, और उनके अद्वितीय बलिदान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। नाटक में कश्मीरी ब्राह्मणों पर मुगल अत्याचार और उनके बचाव के लिए गुरु तेग बहादुर के साहस को भावनात्मक रूप से दर्शाया गया। समापन दृश्य में गुरु तेग बहादुर की शहादत को दिखाया गया, जिसने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।
कलाकारों का बेहतरीन प्रदर्शन
नाटक में नवीन सोनी और निशा चेलकर ने सूत्रधार की भूमिका निभाई, जबकि गुरु तेग बहादुर की आवाज श्री कुमार ने दी। अन्य भूमिकाओं में पुरुषोत्तम सोनी (काजी), राजीव नयन (कोतवाल), और दिग्विजय पाठक व राजेंद्र सोनी (कश्मीरी ब्राह्मण) शामिल थे।
नाटक में प्रमुख कीर्तन कलाकारों में सुखविंदर सिंह (मुख्य रागी), मोहन सिंह (हारमोनियम), और गगनदीप सिंह (तबला) शामिल थे। मंच सज्जा रामाकांत सोनी और प्रकाश व्यवस्था अरविंद भांगे ने संभाली। मंच संचालन शुभ्रा दत्ता द्वारा किया गया।
दर्शकों को छू गया गुरु तेग बहादुर का बलिदान
यह नाटक गुरु तेग बहादुर की शहादत और उनके अद्वितीय बलिदान के संदेश को गहराई से व्यक्त करता है। आयोजन में उपस्थित दर्शक नाटक की प्रस्तुति और कलाकारों के प्रदर्शन से भावविभोर हो गए। आयोजकों ने इसे सिख इतिहास और भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा को जनमानस तक पहुंचाने का एक सफल प्रयास बताया।
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