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तकनीकी खराबी का हवाला
दिल्ली से बिलासपुर आने वाली एलायंस एयर की उड़ान ने यात्रियों को 7 घंटे तक दिल्ली एयरपोर्ट पर इंतजार कराने के बाद फ्लाइट रद्द कर दी। सुबह 7:50 की निर्धारित उड़ान के लिए यात्री सुबह 6:00 बजे से ही एयरपोर्ट पर मौजूद थे। लेकिन दोपहर 3:00 बजे उन्हें सूचना दी गई कि उड़ान रद्द कर दी गई है। इस दौरान हर घंटे यात्रियों को उड़ान जाने का संदेश मिलता रहा, जिससे उनकी परेशानी बढ़ती गई।
यात्रियों की मजबूरी: महंगी फ्लाइट से रायपुर तक सफर
करीब 50 से अधिक यात्री महंगी फ्लाइट लेकर रायपुर आने को मजबूर हुए। इनमें पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश बाजपेई भी शामिल थे, जो अपने परिवार के साथ दिल्ली से लौट रहे थे। श्री बाजपेई ने फोन पर बताया कि एयरलाइन ने केवल कुछ मिक्सर और बिस्किट के पैकेट दिए और भोजन जैसी बुनियादी सुविधा भी मुहैया नहीं कराई। अंततः यात्रियों को बिना किसी विकल्प के घर लौटने को कहा गया, जबकि विमान के ठीक हो जाने की सूचना मिली थी।
वैकल्पिक योजना की कमी
बाजपेई ने यह भी बताया कि एयरलाइन चाहती तो दिल्ली से सीधे बिलासपुर उड़ान संचालित कर सकती थी और जबलपुर स्टॉप की योजना को बदल सकती थी। इस निर्णय ने यात्रियों की परेशानी और अधिक बढ़ा दी। शाम 5:30 बजे तक बिलासपुर से लैंडिंग और टेक-ऑफ में कोई समस्या नहीं थी, फिर भी उड़ान को रद्द किया गया।
राज्य सरकार की नीति पर सवाल
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का बयान
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि एलायंस एयर को बिना टेंडर के सब्सिडी देकर उड़ान संचालित करने का अवसर दिया गया, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। समिति के अनुसार, एलायंस एयर के पास कुल 23 विमान हैं, जिनमें से 4-5 हमेशा मेंटेनेंस में रहते हैं। वहीं, इंडिगो जैसी कंपनियों के पास 45 ऐसे विमान हैं, जो बिलासपुर से उड़ान संचालित करने में सक्षम हैं।
ओपन टेंडर की मांग
समिति ने ओपन टेंडर के माध्यम से अन्य एयरलाइंस को आमंत्रित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे बिलासपुर से उड़ानों के संचालन में अनिश्चितता बनी हुई है।
एयरलाइंस की बैठक की मांग
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने एक बार फिर राज्य सरकार से मांग की है कि सभी एयरलाइंस कंपनियों की बैठक आयोजित की जाए। इसमें उन मार्गों की पहचान की जाए, जहां बेहतर सेवा और समय पर उड़ान संचालित की जा सके। समिति ने जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महाधरना
समिति के महाधरना में आज भी भारी संख्या में लोग शामिल हुए। निवृत्तमान महापौर रामशरण यादव के नेतृत्व में अनिल गुलहरे, बद्री यादव, रवि बनर्जी, समीर अहमद, संतोष पीपलवा, कृष्ण मुरारी दुबे, चित्रकांत श्रीवास, शेख अल्फाज, गोपी राव, मनोज तिवारी, रमाशंकर बघेल, मनोज श्रीवास, केशव गोरख, प्रतीक तिवारी, अमर बजाज, राकेश शर्मा, महेश दुबे, टाटा मजहर खान, दिलीप जगवानी, सुनील शर्मा, अशोक भंडारी, विजय वर्मा, पंकज सिंह, प्रकाश वह रानी, चंद्र प्रकाश जायसवाल, मोहसिन अली, अखिल अली, साबर अली, आशुतोष शर्मा और सुदीप श्रीवास्तव समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
समाधान की उम्मीद
समिति ने इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य सरकार विभिन्न एयरलाइंस को बिलासपुर में उड़ान संचालित करने का अवसर नहीं देती, तब तक ऐसी समस्याएं बनी रहेंगी।
निष्कर्ष: एलायंस एयर की इस घटना ने यात्रियों की समस्याओं को और उजागर किया है। राज्य सरकार और एयरलाइंस कंपनियों के बीच समन्वय की कमी से न केवल यात्री परेशान हो रहे हैं, बल्कि क्षेत्र की हवाई कनेक्टिविटी भी प्रभावित हो रही है।
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