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प्रदेश में बदहाल रोड ट्रांसपोर्ट और सिटी बसों के मनमाने किराए पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने शासन से बसों के किराए और यात्री सुविधाओं पर विस्तृत जानकारी देने को कहा। शासन ने बताया कि किराया निर्धारण का मामला कैबिनेट के विचाराधीन है और इसके लिए समय मांगा है।
किराए को राउंड फिगर में लाने का सुझाव
पिछली सुनवाई में शासन ने कोर्ट को प्रति किलोमीटर 8.75 रुपये के किराए की जानकारी दी थी। इस पर चीफ जस्टिस ने आपत्ति जताते हुए कहा, “आम आदमी 25 पैसे कहाँ से लाएगा? किराया राउंड फिगर में निर्धारित करें।” कोर्ट ने विकलांगों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों और 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए रियायतों की जानकारी मांगी।
शासन ने बताया कि किराए की सूची अब बसों और बस स्टैंड में प्रदर्शित की जा रही है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि यात्रियों को बसों के किराए और सुविधाओं की जानकारी बड़े स्टिकर्स के माध्यम से दी जाए। कोर्ट ने कहा कि नोटिफिकेशन की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार जरूरी है।
बसों के संचालन की स्थिति पर स्वतः संज्ञान
हाईकोर्ट ने जुलाई में सिटी बसों की स्थिति और मनमाने किराए पर स्वतः संज्ञान लिया था। पिछली सुनवाई में परिवहन विभाग को विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने पूछा कि खराब हो चुकी बसों को लेकर शासन क्या कदम उठा रहा है।
नई इलेक्ट्रॉनिक बसें चलेंगी
शासन की ओर से बताया गया कि केंद्र सरकार से इलेक्ट्रॉनिक बसों की स्वीकृति मिली है, जो जल्द ही बिलासपुर में भी चलेंगी। इससे खस्ताहाल बसों की समस्या हल होगी। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने यह भी बताया कि बस संचालकों को टैक्स में बड़ी छूट दी गई है।
यात्री सुविधाओं पर विशेष जोर
हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि यात्रियों को बसों और बस स्टैंड पर सुविधाओं की पूरी जानकारी मिले। कोर्ट ने शासन को कार्य योजना प्रस्तुत करने और किराए व रियायतों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
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