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केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने तालापारा में किया कार्यक्रम का उद्घाटन
बिलासपुर के तालापारा में आज माता शाकंभरी जयंती के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने माता शाकंभरी के चरणों में शीश नवाकर सभी के सुख, शांति और समृद्धि की मंगलमय कामना की।
छेरछेरा त्योहार: सामाजिक समरसता और दानशीलता का प्रतीक
श्री साहू ने छेरछेरा और शाकंभरी जयंती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह त्योहार दानपुन्न और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार, छेरछेरा के दिन दान करने से पुण्य लाभ और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान, साग-भाजी और फलों का दान करते हैं।
मरार पटेल समाज ने मनाई माता शाकंभरी जयंती
कार्यक्रम में मरार पटेल समाज के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उन्होंने इस पर्व को धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया। श्री साहू ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करती है।
राजिम माता जयंती महोत्सव: भक्ति, त्याग और समर्पण का संदेश
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने आज पंडरिया विधानसभा के ग्राम अतरियाखुर्द में श्री भक्त कर्मा माता समिति द्वारा आयोजित राजिम माता जयंती महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने राजिम भक्तिन माता की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

आयोजन समिति और ग्रामवासियों की सराहना
श्री साहू ने इस अवसर पर कहा कि राजिम माता का जीवन भक्ति, त्याग और समर्पण से परिपूर्ण है, जो हम सभी को प्रेरणा देता है। उन्होंने इस पुनीत आयोजन के लिए आयोजन समिति और ग्रामवासियों को बधाई दी। साथ ही, उन्होंने सभी के आतिथ्य सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया।
शक्ति और समृद्धि का प्रतीक: शाकंभरी जयंती
माता शाकंभरी जयंती और छेरछेरा त्योहार का यह आयोजन समाज में सामाजिक समरसता, दानशीलता और समृद्धि के आदर्शों को उजागर करता है। इन त्योहारों के माध्यम से न केवल सांस्कृतिक परंपराएं जीवंत होती हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय समाज में भक्ति और दान का कितना गहरा महत्व है।
आस्था और परंपरा का उत्सव
इस कार्यक्रम ने न केवल आस्था को पुनः सशक्त किया, बल्कि सामाजिक परंपराओं और समर्पण के महत्व को भी रेखांकित किया। केंद्रीय मंत्री श्री साहू का इस आयोजन में शामिल होना, समाज और परंपराओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शाकंभरी जयंती और छेरछेरा जैसे पर्वों का आयोजन भारतीय समाज की उस जीवंतता का प्रमाण है, जो आधुनिकता के साथ अपनी परंपराओं को जीवित रखती है।
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