
👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं
खरमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष अवधि है, जब शुभ कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है। यह समय तब आता है जब सूर्य देव बृहस्पति ग्रह की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं। इस वर्ष खरमास 14 मार्च से प्रारंभ होकर 13 अप्रैल तक रहेगा, और इसके बाद सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर यह समाप्त होगा।
खरमास के दौरान वर्जित कार्य
खरमास के दौरान कई शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, जैसे:
- विवाह एवं मांगलिक कार्य: इस अवधि में शादी, सगाई, जनेऊ, नामकरण संस्कार आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश करना या गृह निर्माण कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है।
- व्यवसाय प्रारंभ: किसी भी नए व्यापार या व्यवसाय की शुरुआत से बचना चाहिए।
- मुंडन संस्कार: छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए यह समय उचित नहीं माना जाता।
- संपत्ति और गहनों की खरीदारी: इस दौरान घर, जमीन, वाहन, सोना-चांदी जैसी बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी से बचना चाहिए।
खरमास में क्या करें?
हालांकि इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन धार्मिक और पुण्य कर्म करना विशेष लाभकारी माना जाता है।

✅ भगवान विष्णु की उपासना करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
✅ दान-पुण्य करें, विशेष रूप से गायों को चारा खिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
✅ भगवद्गीता एवं रामायण का पाठ करें और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।
✅ संयमित जीवनशैली अपनाएं और सात्त्विक भोजन करें, जिससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें।
खरमास के दौरान संयम और साधना पर विशेष ध्यान देने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.