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नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले, राज्य प्रशासनिक सेवा के 60 अफसरों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं। इन तबादलों में डिप्टी कलेक्टर से लेकर अपर कलेक्टर तक के अफसरों को शामिल किया गया है, जो प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं।
डिप्टी कलेक्टर से अपर कलेक्टर तक के तबादले
जारी आदेश में डिप्टी कलेक्टर से लेकर अपर कलेक्टर तक के अफसरों का स्थानांतरण किया गया है। विशेष रूप से वर्ष 2022 बैच के डिप्टी कलेक्टरों को भी बदल दिया गया है। यह कदम प्रशासनिक कार्यों में ताजगी और दक्षता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जिला पंचायत सीईओ बने कई अपर कलेक्टर
इन तबादलों में कई अपर कलेक्टर को जिला पंचायत सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्तियां पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर प्रशासनिक और चुनावी कार्यों में समन्वय और गति लाने के लिए की गई हैं।
एडिशनल कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टरों के तबादला आदेश निरस्त
इस आदेश में एक एडिशनल कलेक्टर और दो डिप्टी कलेक्टर के तबादला आदेश को भी निरस्त कर दिया गया है। यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने और चुनावी कार्यों के लिए बेहतर प्रशासनिक संरचना बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आचार संहिता से पहले प्रशासनिक बदलाव
आचार संहिता लागू होने से पहले किए गए ये तबादले राज्य में चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाए रखने की दिशा में अहम कदम हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का यह परिवर्तन चुनावों में पारदर्शिता और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
राज्य प्रशासनिक सेवा के इन 60 अफसरों के तबादले से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन चुनावी प्रक्रिया को लेकर गंभीर है और समय रहते सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। प्रशासनिक बदलाव से न केवल चुनावी कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि राज्य में सरकार के कार्यों की निगरानी और सुचारू रूप से संचालन में भी सुधार होगा।
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