संविधान दिवस के अवसर पर शनिवार को अधिवक्ता परिषद छत्तीसगढ़ ने “फंडामेंटल ड्यूटीज: पाथवे ऑफ़ नेशंस डेवलपमेंट” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण
- विशिष्ट अतिथि: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव।
- अध्यक्षता: केरल उच्च न्यायालय के जस्टिस एस. मनु।
- सम्मानित अतिथि: हाईकोर्ट के अन्य जज और रिटायर्ड जस्टिस गौतम भादुड़ी।
- महाधिवक्ता: प्रफुल्ल एन. भारत।
- अन्य प्रतिभागी:
- छत्तीसगढ़ अधिवक्ता परिषद के महामंत्री धर्मेश श्रीवास्तव।
- उप महाधिवक्ता शंशाक ठाकुर।
- शासकीय अधिवक्ता अखिलेश साव।
- हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव वरुणेंद्र मिश्रा।
- वरिष्ठ अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह, रमाकांत पाण्डेय, बी. गोपाकुमार, अतनु घोष।
कार्यक्रम का आयोजन
- स्थान: एलसीआईटी सभागार।
- समय: प्रातः 11:30 बजे से आरंभ।
- शुभारंभ: मां सरस्वती और मां भारती के समक्ष दीप प्रज्वलन।
- समापन: राष्ट्रगान के साथ दोपहर 2 बजे।
विचार-विमर्श का विषय
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने संविधान के अनुच्छेद 51 ए (मौलिक कर्तव्यों) पर चर्चा की और इसे राष्ट्र के विकास का मार्ग बताते हुए नागरिकों की जिम्मेदारियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह संविधान के सिद्धांतों का पालन करे और राष्ट्रीय विकास में योगदान दे।
कार्यक्रम का महत्व
यह आयोजन न केवल संविधान के प्रति जागरूकता फैलाने का एक माध्यम बना, बल्कि नागरिक कर्तव्यों को समझने और उनके अनुपालन के महत्व को रेखांकित करने में भी सहायक रहा।
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