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अरपा नदी के संरक्षण और पुनरोद्धार के लिए राज्य सरकार ने 10 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान शासन ने यह जानकारी दी। यह जमीन पेंड्रा क्षेत्र में अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें 5 एकड़ जमीन अरपा के उद्गम स्थल पर और 5 एकड़ वन विभाग से ली जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 16 महीने लगने की संभावना है।
कार्य योजना और शपथ पत्र पेश नहीं कर सका निगम
बिलासपुर नगर निगम को गंदे पानी की निकासी रोकने और पानी साफ करने की कार्य योजना के साथ एक संशोधित शपथ पत्र पेश करना था। हालांकि, निगम यह दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहा। अदालत ने अगली सुनवाई 5 दिसंबर को तय की है।
उद्गम स्थल पर संरचना के लिए 5 एकड़ जमीन
शासन ने शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि अरपा के उद्गम स्थल पर कुंड और अन्य संरचनाओं के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इसके अलावा, वन विभाग से भी 5 एकड़ जमीन ली जाएगी। इस कदम का उद्देश्य अरपा नदी के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
60 प्रतिशत पानी साफ करने की योजना पर कोर्ट असंतुष्ट
21 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई में बिलासपुर नगर निगम ने हाईकोर्ट को बताया था कि वह केवल 60 प्रतिशत गंदे पानी को साफ करने में सक्षम है। बाकी 40 प्रतिशत गंदा पानी नदी में छोड़े जाने का कोई उपाय नहीं है। अदालत ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए नए सिरे से विस्तृत कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने दिए प्रगति रिपोर्ट के निर्देश
हाईकोर्ट ने जीपीएम कलेक्टर को निर्देशित किया कि पेंड्रा में अरपा नदी के उद्गम स्थल पर चल रहे संवर्धन कार्यों की प्रगति की जानकारी अदालत को नियमित रूप से दी जाए। इसके साथ ही नगर निगम को एक संशोधित शपथ पत्र में विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
अरपा पुनरोद्धार के प्रयासों में तेजी
अरपा नदी के संरक्षण के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। जमीन अधिग्रहण और कुंड निर्माण जैसी योजनाओं से नदी का पुनरोद्धार किया जा सकेगा। गंदे पानी की समस्या को हल करने के लिए निगम की नई कार्य योजना का इंतजार है, जो इस प्रक्रिया को गति प्रदान करेगी।