नौरोजाबाद स्टेशन पर तीसरी रेल लाइन का यार्ड मॉडिफिकेशन शुरू

बेहतर कनेक्टिविटी और संरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम

यात्रियों को मिलेगा नया प्लेटफॉर्म, ट्रेनों की समयबद्धता में होगा सुधार


बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग, जो देश के महत्वपूर्ण रेलवे रूट्स में से एक है, पर तीसरी रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन के यार्ड का मॉडिफिकेशन कार्य शुरू हो गया है। यह परियोजना रेल यातायात की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जिससे कनेक्टिविटी और संरक्षा में सुधार होगा।


तीसरी लाइन परियोजना: एक नजर

165.52 किलोमीटर लंबी अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन परियोजना को 1680 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। अब तक 101 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना से बिलासपुर-कटनी सेक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही सुचारू होगी और क्षमता में वृद्धि होगी।


नौरोजाबाद यार्ड मॉडिफिकेशन: प्रमुख कार्य

21 से 30 नवंबर 2024 तक नौरोजाबाद स्टेशन यार्ड का मॉडिफिकेशन कार्य किया जा रहा है।

  • मौजूदा यार्ड में तीसरी लाइन जोड़ने के लिए संरचनात्मक बदलाव।
  • नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली की स्थापना।
  • प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाने और अतिरिक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का कार्य।
  • पॉइंट्स एंड क्रॉसिंग की स्थापना और मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण।
  • ओएचई (ओवरहेड वायरिंग) लाइन के 3 किलोमीटर सेक्शन का वायरिंग कार्य।

संरक्षा प्राथमिकता: गैर-इंटरलॉकिंग प्रक्रिया

यार्ड मॉडिफिकेशन के दौरान गैर-इंटरलॉकिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस दौरान:

  • ट्रेनों की आवाजाही सीमित और धीमी गति से होगी।
  • ट्रेनों को पार करने में सामान्य समय से अधिक समय लगेगा।
  • संरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन किया जाएगा।

मजदूरों और मशीनों की भारी तैनाती

इस कार्य में 600 से अधिक मजदूर, 50 इंजीनियर और 8 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम जुटी हुई है।

  • आधुनिक मशीनरी जैसे T-28, बीसीएम, सीएसएम, पोकलेन, और क्रेन का उपयोग हो रहा है।
  • यह टीम दिन-रात काम कर रही है, जिससे निर्धारित समय में कार्य पूरा हो सके।

यात्रियों और ट्रेनों पर असर

  • यात्रियों को सुविधा: तीसरी लाइन और अतिरिक्त प्लेटफॉर्म से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
  • समयबद्धता में सुधार: ट्रेन परिचालन सुचारू होगा और ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा।
  • संरक्षा में बढ़ोतरी: नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से ट्रेनों की आवाजाही अधिक संरक्षित और प्रभावी होगी।

भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार

नौरोजाबाद स्टेशन पर तीसरी रेल लाइन का जुड़ाव करकेली-उमरिया-लोरहा मार्ग के लिए नई कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा। इस परियोजना से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।

रेल प्रशासन ने यार्ड परिवर्तन के दौरान ट्रेनों के परिचालन में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने की योजना बनाई है। यह परियोजना रेलवे के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


जुड़ें रहिए रेलवे की विकास यात्रा के साथ!


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हेतु इस्कॉन कानपुर में आयोजित हुई शांतिपूर्ण प्रार्थना सभा

बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में 1 दिसंबर 2024, रविवार को इस्कॉन द्वारा विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बांग्लादेश में मानवाधिकारों के उल्लंघन और हिंसा के खिलाफ शांति, सुरक्षा और सद्भाव का संदेश देना था। विशेष प्रार्थना सभा में श्रद्धालुओं…

भारतीय रेलवे ने पिछले दस वर्षों में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया

भारतीय रेलवे ने पिछले दशक (2014-2024) के दौरान लगभग 5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया है, जो पिछले दशक की तुलना में 25% अधिक है। यह रेलवे द्वारा रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस पहल से भारतीय रेलवे ने न केवल देश के…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from VPS Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading