बिलासपुर के स्वदेशी मेला में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने की शिरकत, आत्मनिर्भर भारत की पहलों पर दिया जोर

स्वदेशी मेला में केंद्रीय राज्यमंत्री की उपस्थिति

साइंस कॉलेज में आयोजित स्वदेशी मेला में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्रोत्साहित करने पर चर्चा हुई।


प्रधानमंत्री की योजनाओं पर प्रकाश

तोखन साहू ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं देश के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।


गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे:

  • बिल्हा के विधायक धरमलाल कौशिक
  • बेलतरा के सुशांत शुक्ला
  • पूर्व विधायक रजनीश सिंह
  • डॉ. ललित मखीजा
  • विनोद तिवारी

इन सभी ने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और जनता से आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बनने की अपील की।


स्थानीय उत्पादकों को मिला मंच

इस मेले ने स्थानीय उत्पादकों, कारीगरों और उद्यमियों को एक बेहतरीन मंच प्रदान किया, जिससे उनके उत्पादों को पहचान और बाजार दोनों मिले।


स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की प्रमुख पहलें

  1. पीएम स्वनिधि योजना: आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती ऋण प्रदान किया जाता है।
  2. दीन दयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना: शहरी और ग्रामीण गरीबी कम करने के उद्देश्य से इस योजना के तहत स्वरोजगार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जाता है।
  3. आत्मनिर्भर भारत अभियान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देता है। “वोकल फॉर लोकल” के माध्यम से जनता से स्वदेशी उत्पाद अपनाने का आह्वान किया गया है।
  4. मेक इन इंडिया: 2014 में शुरू किया गया यह अभियान स्थानीय उत्पादन और विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है, और विभिन्न क्षेत्रों में स्वदेशी उत्पादकों को सशक्त बनाता है।
  5. खादी और ग्रामोद्योग आयोग: “खादी फॉर नेशन” और “खादी फॉर फैशन” अभियानों के माध्यम से खादी और ग्रामोद्योग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  6. वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट: हर जिले के प्रमुख उत्पादों को पहचान कर उनके उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित किया गया।
  7. डिजिटल इंडिया और ई-कॉमर्स: स्थानीय कारीगरों को उनके उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए गए। “जेम पोर्टल” ने सरकारी खरीद में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी।
  8. आयुष्मान भारत और स्वदेशी औषधि का प्रचार: आयुर्वेद, योग और स्वदेशी जड़ी-बूटियों के उपयोग को बढ़ावा देकर पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई गई।

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