भाजपा में संगठन चुनावों की तैयारी तेज, कांग्रेस का ध्यान निकाय चुनाव पर केंद्रित

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने संगठन चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बूथ अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारियों का चयन किया जाना है। भाजपा ने 30 नवंबर तक बूथ स्तर के चुनाव संपन्न करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव की तिथियां 25 नवंबर को रायपुर में होने वाली बैठक में घोषित की जाएंगी।

भाजपा का संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान

  • सदस्यता अभियान:
    भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 60 लाख सदस्यों और 1 लाख सक्रिय सदस्यों का लक्ष्य रखा है। बिलासपुर जिले में पहले ही 3.96 लाख के लक्ष्य से अधिक 4 लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं।
  • संगठन चुनाव प्रक्रिया:
    बूथ से लेकर मंडल, जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में मतदान के लिए सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है।
  • निकाय चुनाव से पहले नई कार्यकारिणी:
    भाजपा निकाय चुनावों से पहले संगठन का पूरा फेरबदल कर नए पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के साथ मैदान में उतरने की योजना बना रही है।
  • बूथ समिति:
    प्रत्येक बूथ पर 25 सदस्यों की समिति बनाई जाएगी, जिसमें 8 महिलाएं शामिल होंगी। समितियों में महिला प्रमुख, युवा प्रमुख, स्वच्छता प्रमुख, सामाजिक प्रमुख जैसे पद होंगे।

कांग्रेस की रणनीति

दूसरी ओर, कांग्रेस का ध्यान पूरी तरह निकाय चुनावों पर केंद्रित है।

  • संगठन में बदलाव नहीं:
    कांग्रेस फिलहाल संगठन में कोई बदलाव नहीं कर रही। नेताओं का मानना है कि चुनावों के बीच फेरबदल से असंतोष पैदा हो सकता है, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
  • चुनाव की तैयारी पर जोर:
    कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को निकाय चुनावों के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं, जिनका पालन किया जा रहा है।

पार्टी नेताओं के बयान

रामदेव कुमावत, भाजपा जिलाध्यक्ष:
“भाजपा में बूथ पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी करनी है। जिले में 3.96 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 4 लाख नए सदस्य बनाए जा चुके हैं।”

विजय केशरवानी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष:
“कांग्रेस का पूरा फोकस अभी निकाय चुनाव पर है। संगठन में फेरबदल की कोई संभावना नहीं है।”

भाजपा और कांग्रेस की प्राथमिकताएं:

  • भाजपा:
    • संगठन चुनाव प्रक्रिया पूरी कर निकाय चुनाव में नए चेहरों के साथ उतरना।
    • बूथ स्तर पर मजबूत संगठन तैयार करना।
  • कांग्रेस:
    • निकाय चुनावों पर फोकस।
    • संगठन में बदलाव को टालकर चुनावी एकता बनाए रखना।

निष्कर्ष:

निकाय चुनावों से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं। जहां भाजपा संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और नए नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है, वहीं कांग्रेस स्थिरता बनाए रखते हुए निकाय चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


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