आध्यात्मिक नगरी रतनपुर के प्रसिद्ध श्री भैरव सिद्ध तंत्र पीठ में आयोजित भैरव जयंती महोत्सव का शुक्रवार को भव्य समापन हुआ। नौ दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
कन्याओं और ब्राह्मणों की पूजा-अर्चना
महोत्सव के अंतिम दिन 151 कन्याओं और 31 ब्राह्मणों के चरण पखारे गए। भक्तों ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी और साधु-संतों ने बालिकाओं को हलवा-पूड़ी, मिष्ठान, फल, और श्रृंगार सामग्री भेंट की। इसके साथ ही ब्राह्मणों की पूजा कर उनकी सेवा का महत्व बताया गया।
विशाल महाभंडारा
समारोह के समापन पर आयोजित महाभंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु-संतों और भक्तों के साथ विश्व कल्याण की कामना के लिए संपन्न हुआ।
विशेष हवन और अनुष्ठान
महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि भगवान भैरव बाबा की कृपा और विश्व कल्याण की कामना से नौ दिनों तक विशेष हवन और अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस दौरान भक्तों ने धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लिया और पुण्य लाभ कमाया।
साधु-संतों और भक्तों का आभार
महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी ने सफल आयोजन के लिए श्रद्धालुओं और साधु-संतों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस महोत्सव को सफल बनाने में योगदान देने वाले प्रमुख सदस्यों का नाम लेकर उनकी सराहना की।
महोत्सव में योगदान देने वाले प्रमुख सदस्य:
- पं. दिलीप दुबे
- पं. कान्हा तिवारी
- पं. महेश्वर पाण्डेय
- पं. राजेंद्र दुबे
- पं. राजेश्वर मिश्रा
- विक्की अवस्थी, सोनू
- आचार्य गिरधारी लाल पाण्डेय
- पं. अवनीश मिश्रा, पं. बल्ला दुबे
- पं. गौरीशंकर तिवारी, पं. राम सुमित तिवारी
- यशवत पाण्डेय
समारोह का महत्व
भैरव जयंती महोत्सव ने धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया। आयोजन में श्रद्धालुओं की भागीदारी ने इसे और भी भव्य और सफल बनाया।