ग्राम बचवार स्थित लक्ष्मी मेडिकल स्टोर में एक शिक्षिका को मेडिकल संचालक द्वारा दर्द से राहत देने के लिए लगाए गए दो इंजेक्शनों के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और रास्ते में ही मौत हो गई।
घटना का विवरण:
- मृतका गायत्री मिंज (40 वर्ष) शंकरगढ़ के भैरवपुर गांव की निवासी थी और पेशे से शिक्षिका थी।
- वह पाइल्स बीमारी से पीड़ित थी और दर्द बढ़ने पर अपने शिक्षक पति लवकुश राम के साथ इलाज के लिए मेडिकल स्टोर पहुंची।
- मेडिकल स्टोर संचालक अशोक विश्वास ने दावा किया कि उसके पास बीमारी का इलाज है और उसने महिला को दो इंजेक्शन लगाए।
- इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही महिला बेहोश हो गई।
मौत का कारण और कार्रवाई:
- अंबिकापुर ले जाने के दौरान रास्ते में शिक्षिका की मौत हो गई।
- घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर को सील कर दिया।
- मामले की जांच के लिए एसडीएम आनंद राम नेताम, बीएमओ, और पुलिस की टीम ने मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया।
अनियमितताएं और झोलाछाप डॉक्टरों का सक्रिय होना:
- शंकरगढ़ क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन कर कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं।
- इसके अलावा, झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियां भी क्षेत्र में बढ़ी हुई हैं, जिन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही।
परिजन और प्रशासन का बयान:
- मृतका के परिजनों ने मेडिकल संचालक पर गलत इलाज और लापरवाही का आरोप लगाया।
- एसडीएम आनंद राम नेताम ने बताया कि प्राथमिक जांच के आधार पर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
सवाल उठते हैं:
- मेडिकल संचालक द्वारा इंजेक्शन लगाने का अधिकार था या नहीं?
- क्या इंजेक्शन सही तरीके से लगाया गया या अनधिकृत दवा का इस्तेमाल किया गया?
- झोलाछाप डॉक्टरों और अनियमित मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
आगे की कार्रवाई:
मामले की पूरी जांच के बाद मेडिकल संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अनियमितताओं पर सख्ती की जरूरत को रेखांकित करती है।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.