प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की स्थिति और उनके बीच बढ़ते संघर्षों को लेकर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। जेल डीजी द्वारा बिलासपुर और रायपुर में स्पेशल जेल बनाने की जानकारी देने पर चीफ जस्टिस ने स्पेशल जेल का मतलब पूछा। उन्होंने जेल के भीतर कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के कड़े निर्देश दिए।
नई जेलों और सुधारों पर चर्चा
हाईकोर्ट ने प्रदेश में जेलों की मौजूदा स्थिति और निर्माणाधीन जेलों की प्रगति पर जानकारी मांगी। सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक (जेल) ने 2018 से 2024 के बीच सुधारों का तुलनात्मक ब्यौरा पेश किया।
मुख्य जानकारी:
- निर्माणाधीन बैरक: वर्तमान में 8 जेलों में 33 नए बैरक निर्माणाधीन हैं, जिनकी कुल क्षमता 1650 कैदियों की होगी।
- ओपन जेल: बेमेतरा में 2000 कैदियों के लिए ओपन जेल का निर्माण किया जा रहा है।
- स्पेशल जेल: रायपुर में 4000 और बिलासपुर में 1500 क्षमता वाली स्पेशल जेल निर्माणाधीन हैं।
स्पेशल जेल पर सवाल और निर्देश
चीफ जस्टिस ने पूछा कि स्पेशल जेल की परिभाषा क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी? पुलिस महानिदेशक (जेल) को इसका स्पष्ट उत्तर शपथपत्र में देने का निर्देश दिया गया।
निर्माण में देरी पर आपत्ति
याचिकाकर्ता के वकील ने नई जेलों के निर्माण में देरी पर सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने निर्माण समय सीमा और कार्य पूर्णता पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
आगामी सुनवाई
हाईकोर्ट ने जेलों में कैदियों के संघर्ष और नई जेलों के निर्माण पर स्पष्ट जानकारी के लिए अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को निर्धारित की है।
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