पत्नी की बीमारी और मृत्यु के कारण अनुपस्थिति: हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी को अनुचित ठहराया

Listen to this article

मामला: पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी निरस्त

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग द्वारा कांस्टेबल कुडियम भीमा की बर्खास्तगी को अनुचित मानते हुए निरस्त करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि भीमा की अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी, बल्कि पत्नी की बीमारी और मृत्यु जैसी बाध्यकारी परिस्थितियों के कारण हुई थी।


पृष्ठभूमि

कुडियम भीमा, जो छत्तीसगढ़ पुलिस बल में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे, 28 फरवरी से 16 अक्टूबर 2013 तक ड्यूटी से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे। इस अवधि के दौरान उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार थीं और बाद में उनका निधन हो गया।

  • पुलिस विभाग की कार्रवाई: विभागीय जांच के बाद भीमा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
  • याचिका: भीमा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी अनुपस्थिति के पीछे पारिवारिक और भावनात्मक कारणों का हवाला दिया।

याचिकाकर्ता का पक्ष

  1. व्यक्तिगत कठिनाई: पत्नी की बीमारी और मृत्यु के कारण अनुपस्थिति अपरिहार्य थी।
  2. भावनात्मक आघात: इस कठिन समय में मानसिक रूप से अस्थिर होने के कारण वापसी में देरी हुई।
  3. अनुचित सजा: 23 वर्षों की सेवा के बावजूद बर्खास्तगी, परिस्थितियों को देखते हुए, अत्यधिक और अनुचित है।

कोर्ट का अवलोकन और निर्णय

  1. अनुपस्थिति का कारण: हाईकोर्ट ने कहा कि अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी।
  2. अनुशासनात्मक जांच की कमी: जांच अधिकारी यह स्थापित करने में असफल रहे कि अनुपस्थिति कदाचार का परिणाम थी।
  3. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का संदर्भ: सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कहा है कि अनधिकृत अनुपस्थिति स्वतः ही जानबूझकर किया गया कदाचार नहीं है, खासकर जब व्यक्तिगत कठिनाइयों के कारण अनुपस्थिति हुई हो।
  4. सजा का अनुपात:
    • 23 साल की सेवा और अर्जित छुट्टी को ध्यान में रखते हुए बर्खास्तगी की सजा असंगत है।
    • अधिकारियों को व्यक्तिगत कठिनाइयों को ध्यान में रखना चाहिए था।

फैसले का परिणाम

हाईकोर्ट ने कुडियम भीमा की बर्खास्तगी को निरस्त कर दिया और पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि उनकी सेवा बहाल की जाए।


निष्कर्ष

इस फैसले ने यह स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत कठिनाइयों के कारण हुई अनुपस्थिति को जानबूझकर कदाचार नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सेवा रिकॉर्ड और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाना चाहिए।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

साहू समाज का इतिहास गौरवशाली है – केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू

Listen to this article मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तैलिक साहू युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। भोपाल आगमन पर श्री साहू का भव्य स्वागत किया गया और कार्यक्रम स्थल पर…

राजमार्ग पर ज्यादा मुआवजे के लिए जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटना अवैध, हाईकोर्ट का फैसला

Listen to this article नेशनल हाइवे पर अधिक मुआवजा पाने के लिए जमीन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर बटांकन कराने की प्रथा पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में डिवीजन बेंच ने एक याचिका खारिज करते हुए इसे अवैध करार दिया। इससे पहले सिंगल बेंच ने भी इसे अनुचित ठहराया…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *