Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

छत्तीसगढ़ में सड़कों से मवेशी हटाने की मुहिम तेज़, 15 दिन में कार्ययोजना होगी तैयार

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

शासन को 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश

छत्तीसगढ़ में नेशनल और स्टेट हाइवे सहित सड़कों को मवेशी मुक्त करने के लिए सटीक कार्ययोजना तैयार करने को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में शासन से पूर्व आदेश के परिपालन की जानकारी मांगी। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए बताया कि आवारा मवेशियों से सड़कों को मुक्त करने और एक सटीक कार्ययोजना का ड्राफ्ट फाइनल नहीं हो सका है। इस पर शासन ने 15 दिन का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी तय की।


राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए मॉडल की जांच पर प्रगति नहीं

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यह निर्देश दिया था कि देश के अन्य सात राज्यों द्वारा अपनाए गए तंत्र की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। हालांकि, इस पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। 23 अक्टूबर 2024 के आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को मवेशियों की रोकथाम और सड़कों पर उनकी मौजूदगी पर निगरानी के लिए उठाए गए कदमों पर नया हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था।


संभागीय आयुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई

राज्य के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा संभाग के आयुक्तों ने संभागवार सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन रिपोर्ट्स में मवेशियों की समस्या को लेकर जागरूकता लाने के लिए ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में पशु मालिकों के साथ की गई बैठकों का भी उल्लेख किया गया। हर जिले के प्रशासन ने आवारा मवेशियों से संबंधित समस्याओं पर सरकारी एजेंसियों की पहल और आयोजित बैठकों की संख्या को सर्वेक्षण रिपोर्ट में शामिल किया।


सड़कों से मवेशी हटने के बावजूद हादसे नहीं रुक रहे

पहले के प्रस्तावों के अनुसार, सड़क किनारे आवारा मवेशियों के लिए विश्राम स्थलों को साफ और समतल किया गया था। ऐसे चिह्नित स्थानों की संख्या सर्वेक्षण रिपोर्ट में शामिल की गई। इसके अलावा, सड़क से मवेशियों को हटाने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई थी। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद, सड़कों पर मवेशियों की मौत और उनके कारण हो रही दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आई है।

court

एसओपी का ड्राफ्ट तैयार, अंतिम मंजूरी बाकी

सुनवाई के दौरान बताया गया कि इस समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। यह ड्राफ्ट मवेशियों की सड़कों पर मौजूदगी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का खाका है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम मुहर लगनी बाकी है।


जनहित के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी पर जोर

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह मुद्दा न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी है, बल्कि जनहित से भी जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने शासन को निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर सटीक कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए ताकि इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जा सके।

निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की सड़कों को आवारा मवेशियों से मुक्त करने की दिशा में शासन और प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियां बरकरार हैं। हाईकोर्ट ने इस समस्या के समाधान के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश देते हुए प्रशासन से ठोस कार्ययोजना की उम्मीद जताई है।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

कांग्रेस ने चहेतों को कौड़ियों के मोल बेची निगम की बेशकीमती संपत्ति – अमर अग्रवाल

बिलासपुर में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर नगर निगम की बहुमूल्य जमीनें अपने करीबी लोगों को बांटने और टेंडर प्रक्रिया में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने 77 लाख रुपये के एफडीआर घोटाले और स्मार्ट सिटी परियोजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में विकास ठप हो गया था।

अग्रवाल ने दावा किया कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब मजदूरों को 65,000 रुपये का पानी बिल थमाया गया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बदतर हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम की स्थिति इतनी खराब हो गई कि हाईकोर्ट को प्रशासनिक हस्तक्षेप करना पड़ा।

इस दौरान भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, जिन्होंने कांग्रेस सरकार पर दिशाहीन नीतियों और जनता को धोखा देने के आरोप लगाए।

छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला संग हाट का हुआ शानदार आयोजन, महिलाओं ने दिखाई शक्ति

छत्तीसगढ़ की संस्कृति और स्वाद का संगम! 🍽️✨ अखण्ड ब्राह्मण समाज सेवा समिति द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला अपने नौवें वर्ष में और भी भव्य हो गया। फरा, चौसेला, ठेठरी, खुरमी जैसे स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजनों की महक से सराबोर इस मेले में 55 से अधिक स्टॉल लगे। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या विष्णु देव साय ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया, जबकि समापन सत्र में नगर विधायक अमर अग्रवाल ने आयोजन की सराहना की। जानिए इस सांस्कृतिक उत्सव की पूरी झलक!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *