Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

अनुकंपा नियुक्ति स्वीकारने के बाद उच्च पद या प्रमोशन की मांग अनुचित: हाईकोर्ट

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा – यह एक बार मिलने वाला विशेष लाभ है, अधिकार नहीं

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दया (अनुकंपा) के आधार पर दी गई नियुक्ति को यदि कोई व्यक्ति स्वीकार कर लेता है, तो वह भविष्य में किसी उच्च पद या प्रमोशन की मांग नहीं कर सकता। कोर्ट ने इसे एकमुश्त विशेष लाभ करार देते हुए कहा कि ऐसी नियुक्तियां प्रशासनिक विवेक पर आधारित होती हैं, न कि कानूनी अधिकार पर।

जस्टिस राकेश मोहन पांडे की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता अभिनय दास मानिकपुरी की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य मृत कर्मचारी के परिवार को तत्काल राहत देना होता है, न कि यह कोई स्थायी या वरीयता प्राप्त अधिकार है जिससे बेहतर पद की मांग की जा सके।

यह था मामला

याचिकाकर्ता के पिता लोक निर्माण विभाग में चौकीदार के पद पर कार्यरत थे, जिनकी मृत्यु के बाद उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। शुरुआत में उन्हें माली (वर्ग-4) पद के लिए नियुक्ति पत्र मिला, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद उन्हें ड्राइवर (वर्ग-3) पद के लिए अनुशंसा मिली, लेकिन उस पर नियुक्ति नहीं दी गई। अंततः याचिकाकर्ता ने 14 सितंबर 2020 को माली के पद को स्वीकार कर कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसके बावजूद उन्होंने इस नियुक्ति को चुनौती देते हुए उच्च पद की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की।

कोर्ट का तर्क

कोर्ट ने कहा कि एक बार नियुक्ति स्वीकार करने के बाद उसे एकमुश्त लाभ मान लिया जाता है और भविष्य में किसी अन्य पद की मांग उचित नहीं मानी जा सकती। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति कोई संवैधानिक या वैधानिक अधिकार नहीं है, बल्कि एक प्रशासनिक सुविधा है जो मृतक कर्मचारी के परिजनों की तत्काल आर्थिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए दी जाती है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसलों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता ड्राइवर पद के लिए शैक्षणिक रूप से योग्य रहा हो, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया में विभाग का विवेक सर्वोपरि होता है। ऐसे में याचिका निराधार पाई गई और उसे खारिज कर दिया गया।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

सोने-चाँदी नहीं, बच्चों की वापसी बनी हमारी असली धनतेरस

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article — डॉ. एस. के. मिश्रा धनतेरस की भोर थी। आसमान में हल्की गुलाबी रोशनी तैर रही थी, और पूरे मोहल्ले में उत्सव की सुगंध घुली हुई थी। बाजारों में चाँदी की खनक और दीयों की झिलमिलाहट थी, लेकिन हमारे घर की…

फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से नौकरी: हाईकोर्ट का सख्त आदेश, 20 अगस्त तक अनिवार्य मेडिकल परीक्षण कराएं

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे सरकारी नौकरी प्राप्त करने वालों के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने राज्य के सभी संदिग्ध कर्मचारियों को 20 अगस्त 2025 तक राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *