Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

हाईकोर्ट ने खारिज की रेप पीड़िता के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की याचिका, कहा – यह निजता का उल्लंघन है

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक और इंस्टाग्राम) की जांच की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की जांच संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त निजता के अधिकार का उल्लंघन होगी।

यह याचिका आरोपी की ओर से ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी, जिसमें सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की अनुमति मांगी गई थी। आरोपी का दावा था कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता की जांच के लिए यह आवश्यक है। लेकिन जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और याचिका को अस्वीकार कर दिया।

कोर्ट का तर्क: निजता मानव अधिकार है

जस्टिस वर्मा ने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार एक मूलभूत मानव अधिकार है, जो न केवल भारतीय संविधान में बल्कि अंतरराष्ट्रीय संधियों में भी मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह अधिकार व्यक्ति की शारीरिक अखंडता, व्यक्तिगत स्वायत्तता, गरिमा और गोपनीयता से जुड़ा हुआ है, जिसे संरक्षित किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की पीठ ने निजता के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मान्यता दी है।

“निजता का अधिकार लोकतंत्र के मूलभूत स्तंभों में से एक है, और डिजिटल युग में इसका उल्लंघन करना व्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा आघात है,” — कोर्ट ने कहा।

डेटा का महत्व और डिजिटल युग की संवेदनशीलता

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि आज के डिजिटल युग में डेटा एक मूल्यवान संसाधन बन गया है, जिसे बिना नियंत्रण और न्यायिक संतुलन के सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

highcourt

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि पीड़िता कुछ समय तक उसके और उसके परिवार के साथ रही थी, जिसकी पुष्टि करने के लिए फेसबुक व इंस्टाग्राम प्रोफाइल की जांच आवश्यक है। हालांकि पीड़िता ने इस बात से इनकार किया और यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया से ली गई उसकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ (मॉर्फिंग) की गई है।

निष्कर्ष

अदालत का मानना था कि सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की अनुमति देने से पीड़िता की निजता को गंभीर खतरा हो सकता है। अतः ट्रायल कोर्ट का निर्णय उचित था और उसे बरकरार रखा गया।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक को खंभे से बांधकर पीटा, वीडियो वायरल — मुखबिरी के शक में युवकों ने की बेरहमी से पिटाई, एक आरोपी गिरफ्तार

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article खपरीडीह (बलौदाबाजार-भाटापारा)।जिले के खपरीडीह गांव से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। प्रेमिका से मिलने पहुंचे एक युवक को गांव के युवकों ने खंभे से बांधकर बेल्ट और डंडों से बेरहमी से पीटा और इस घटना का वीडियो…

हाईकोर्ट की सख्ती: 20 साल पढ़ाने के बाद भी “अप्रशिक्षित”, शिक्षक को 60 दिन में निर्णय देने का आदेश

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं Listen to this article बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक शिक्षक को 20 वर्षों से अधिक सेवाकाल के बावजूद “अप्रशिक्षित” मानने पर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने शिक्षा सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय के निदेशक को निर्देश दिया है कि वे आदेश की प्रति प्राप्त…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *