Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

औद्योगिक प्रदूषण: शासन ने बताया- दोषियों पर हो रही है कार्रवाई

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हाईकोर्ट में शासन की प्रगति रिपोर्ट पेश

बिलासपुर। औद्योगिक प्रदूषण के मामले में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान शासन ने हाईकोर्ट को बताया कि कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट के आधार पर उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की विशेष डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई की तारीख 10 जनवरी निर्धारित की है।


मजदूरों पर प्रदूषण का गंभीर प्रभाव

प्रदेश में संचालित कई औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले मजदूर सीमेंट और लोहे की धूल के कारण गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। फेफड़ों पर इसका सबसे अधिक असर देखा जा रहा है। इस स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में उत्कल सेवा समिति, लक्ष्मी चौहान, गोविंद अग्रवाल, अमरनाथ अग्रवाल सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रकार की समस्याओं पर पहले ही निर्देश दिए हैं।


न्यायमित्रों को सौंपी गई थी जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडवोकेट प्रतीक शर्मा, पीआर पाटनकर सहित 11 न्यायमित्र नियुक्त किए थे। इनसे प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण से हो रही परेशानियों का डाटा मांगा गया था। इसके बाद सभी न्यायमित्रों को कोर्ट कमिश्नर का दायित्व सौंपा गया, और उन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश की।


60 से अधिक प्लांटों पर आई शिकायतें

शासन के अनुसार, राज्य में 60 से अधिक स्पंज आयरन और सीमेंट प्लांटों से प्रदूषण की शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों के आधार पर औद्योगिक इकाइयों में कार्रवाई शुरू की गई है। कई जगह दोषियों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं।


अगली सुनवाई 10 जनवरी को

शासन ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि कार्रवाई तेजी से जारी है और दोषियों को दंडित करने की प्रक्रिया चल रही है। कोर्ट ने मामले में शासन को और समय देते हुए अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है।


प्रदूषण रोकने के लिए बड़े कदम उठाने की आवश्यकता

औद्योगिक प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि शासन को कठोर नीतियां बनानी चाहिए। साथ ही, मजदूरों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

बिलासपुर हाईकोर्ट अपडेट: सिविल जज परीक्षा के मानदंडों में बदलाव

बिलासपुर हाईकोर्ट ने सिविल जज परीक्षा के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। अब लॉ डिग्रीधारी उम्मीदवारों को बार काउंसिल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी और वे सीधे सिविल जज परीक्षा में बैठ सकेंगे। इस फैसले से सरकारी नौकरी करने वाले लॉ डिग्रीधारी भी परीक्षा के योग्य होंगे। इसके अलावा, आवेदन की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे उम्मीदवारों को और अधिक समय मिल गया है। यह निर्णय उन उम्मीदवारों के लिए राहत का सबब है, जो पहले बार काउंसिल पंजीकरण की शर्त के कारण असमर्थ थे।

मरवाही वनमंडल में बाघिन की सुरक्षा पर संकट, प्रभावित क्षेत्र में स्कूलों की छुट्टी

मरवाही वनमंडल के गौरेला रेंज में एक बाघिन की सुरक्षा संकट में है। बाघिन की तस्वीरें और वीडियो लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट रही है, जिससे उसकी सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित की है। बाघिन और मानव संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *