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छत्तीसगढ़ में किसानों को धान बेचने में हो रही परेशानियों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी केंद्रों पर उत्पन्न समस्याएं “सरकार द्वारा प्रायोजित” हैं।
धान खरीदी में मुख्य समस्याएं और आरोप
- बारदाना की कमी:
- समय पर बारदाना की खरीद न करने से दिक्कतें बढ़ीं।
- कर्मचारियों पर दबाव:
- अनावरी के दौरान शिक्षकों, पटवारियों, जनपद कर्मचारियों, और मनरेगा सहायकों से दबावपूर्वक कार्य करवाया गया।
- उठाव नियमों में बदलाव:
- कांग्रेस शासन में मिलर सीधे उपार्जन केंद्र से धान उठाते थे।
- अब धान संग्रहण केंद्र ले जाया जा रहा है, जिससे धान जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
- भुगतान में देरी:
- 72 घंटे में भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया।
- पिछले साल का चावल:
- 12 लाख मीट्रिक टन चावल अब तक मिलर्स द्वारा जमा नहीं किया गया।
- इसके बिना नए डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) जारी नहीं हो सकते, जिससे धान का उठाव रुका हुआ है।
सरकार की योजनाओं पर कटाक्ष
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने उनकी सरकार की सभी जनहित योजनाओं को बंद कर दिया है, जिससे जनता को तकलीफ हो रही है।
नक्सल समस्या पर विचार
- नक्सल समस्या राष्ट्रीय मुद्दा:
भूपेश बघेल ने कहा कि नक्सल समस्या पूरे देश की समस्या है। - उनकी सरकार के प्रयास:
- 600 गांवों को नक्सल मुक्त किया गया था।
- विकास कार्यों के कारण नक्सली कमजोर हुए।
- पूरे देश में नक्सल मुक्त अभियान का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है।
नगर निगम चुनाव पर टिप्पणी
बघेल ने कहा कि सरकार के खिलाफ माहौल है, और वह डरी हुई है।
- चुनाव में देरी:
- सरकार घबराहट के कारण चुनाव कराने में विलंब कर रही है।
- संविधान का उल्लंघन हो रहा है।
लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार असफल
- जन सुरक्षा पर सवाल:
लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। - सरकार हर मोर्चे पर विफल:
- भूपेश बघेल ने वर्तमान सरकार की कानून व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की।
स्वागत और कार्यक्रम
भूपेश बघेल ने बिलासपुर में निजी कार्यक्रमों में भाग लिया और छत्तीसगढ़ भवन में रुके।
- स्वागत करने वालों में विधायक अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, महापौर रामशरण यादव, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।
यह बयान न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
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