स्वामी विवेकानंद जयंती: सीयू में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई

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सीयू में स्वामी विवेकानंद जंयती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त होने के बाद आयोजित किया गया, जो देशभर में प्रतिष्ठित माने जाते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा लें युवा

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने स्वामी विवेकानंद को युवाओं की प्रेरणा का स्त्रोत बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है। आक्रांताओं और पश्चिमी विचारधारा ने भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन को चुनौती दी थी, जिसे स्वामी विवेकानंद ने अपनी शिक्षाओं और कार्यों के माध्यम से पुनः स्थापित किया।

कुलपति ने आगे कहा, “पश्चिमी विचारधाराएं अधिकांशतः आत्मकेंद्रित होती हैं और इसमें सर्वकल्याण की भावना का अभाव होता है, जबकि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय आध्यात्म और सनातन परंपरा की व्याख्या करते हुए ‘सर्व कल्याण’ की अवधारणा को स्थापित किया।”

स्वामी विवेकानंद का योगदान

प्रोफेसर चक्रवाल ने स्वामी विवेकानंद के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने गहन आध्यात्मिकता के साथ व्यावहारिक जीवन जीने का मार्ग दिखाया। स्वामी विवेकानंद ने व्यावहारिक वेदांत का सिद्धांत लोगों तक पहुंचाया और भारतीय संस्कृति को पश्चिमी दुनिया में प्रस्तुत किया। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के विचार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया, जो आज भी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रोफेसर चक्रवाल

दीप प्रज्ज्वलन और स्वागत

इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किए। विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत प्रस्तुत किया। अतिथियों का स्वागत नन्हें पौधों से किया गया, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश था।

भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताओं के परिणाम

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा आयोजित भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। कुलपति महोदय ने विजेता छात्रों को विवेकानंद साहित्य और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, और अधिकारी भी उपस्थित थे।

धन्यवाद ज्ञापन और समापन

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे ने किया, और संचालन का कार्य डॉ. श्वेता सुब्रह्मण्यम ने किया। इस गरिमामय कार्यक्रम ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं को छात्रों और सभी उपस्थित जनों के बीच प्रसारित किया, जो आज भी हमारे समाज और जीवन में प्रासंगिक हैं।

इस प्रकार, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती के आयोजन ने युवाओं को प्रेरित करने और उनके अंदर देशसेवा और समाजसेवा की भावना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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