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गुरु घासीदास विश्वविद्यालय का एकादश दीक्षांत समारोह गरिमा और हर्षोल्लास से संपन्न
बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय), जो नैक से A++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय है, का एकादश दीक्षांत समारोह 15 जनवरी, 2025 को अपराह्न 03 बजे से विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में गरिमा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस समारोह के मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ थे।
समारोह में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका, विशिष्ट अतिथि आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप-मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, विधायक बेलतरा श्री सुशांत शुक्ला, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के श्री अतुल भाई कोठारी, और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम थे। समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
उपराष्ट्रपति का गरिमामय स्वागत

मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य अतिथियों का काफिला निर्धारित समय पर आयोजन स्थल पर पहुंचा। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ का स्वागत माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय परिसर में सफेद चंदन का पौधारोपण करने से हुआ। इसके पश्चात् कार्यपरिषद और विद्यापरिषद के सदस्यों तथा स्वर्ण पदक प्राप्त छात्रों के साथ अतिथियों की फोटोग्राफी की गई।
शोभायात्रा और दीप प्रज्ज्वलन से समारोह का शुभारंभ
ग्यारहवें दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा हॉल क्रमांक 1 से रजत जयंती सभागार तक पहुंची। इसमें कुलसचिव, विद्यापरिषद और कार्यपरिषद के सदस्य, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता, अतिथिगण, कुलपति, और उपराष्ट्रपति शामिल थे। शोभायात्रा के दौरान वेद की ऋचाओं का स्वस्ति वाचन किया गया, जिससे सभागार वेद मंत्रों की गूंज से पवित्र हो उठा।
समारोह का विधिवत शुभारंभ पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान की प्रस्तुति और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, मां सरस्वती और गुरु घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण से हुआ।
उपराष्ट्रपति के प्रेरक विचार

मुख्य अतिथि श्री जगदीप धनखड़ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “आज सेना दिवस है। यह हमारे सैनिकों के अटूट साहस और बलिदान को सम्मान देने का समय है। हमें उनके समर्पण और देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए।” उन्होंने गुरु घासीदास जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “उन्होंने एकता, समावेशिता और समानता की भावना को साकार किया।”
उन्होंने छात्रों को सीखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “सीखना एक जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है। असफलताओं से घबराएं नहीं; उनसे सीखें। सफलता का समाज पर सकारात्मक प्रभाव होना चाहिए।”
राज्यपाल ने की विश्वविद्यालय की प्रशंसा
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा, “गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने NAAC से A++ मान्यता प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता स्थापित की है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
मुख्यमंत्री का प्रेरणादायक संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नववर्ष और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ के युवा अब जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों से लाभान्वित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय की उपलब्धियां समाज के लिए प्रेरणा हैं।”
कुलपति की उपलब्धियों का जिक्र
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा, “विश्वविद्यालय ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई है। अनुसंधान, पेटेंट, और प्रकाशन के क्षेत्र में हमारा प्रदर्शन उत्कृष्ट है। हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।”
छात्रों को प्रेरणा और प्रोत्साहन

दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक विजेताओं को सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के छात्रों को भारतीय संसद में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
निष्कर्ष
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के एकादश दीक्षांत समारोह ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की नई मिसाल पेश की। यह समारोह न केवल छात्रों और उनके परिवारों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का अवसर था।
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