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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में CAPF (केंद्रीय अर्धसैनिक बल) भर्ती घोटाला के मास्टरमाइंड महेश कुमार को CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने गिरफ्तार कर लिया है। महेश कुमार फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करवाने वाले एक बड़े रैकेट का सरगना बताया जा रहा है। यह गिरफ्तारी कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज मामले की जांच के दौरान की गई।
कैसे हुआ घोटाला?
CBI द्वारा की गई जांच में सामने आया कि कई अयोग्य उम्मीदवारों को फर्जी दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों के जरिए CAPF में भर्ती कराया गया। इन प्रमाणपत्रों में उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित या बॉर्डर इलाकों का निवासी दिखाया गया था, जिससे उन्हें विशेष छूट मिल सके। इस पूरे फर्जीवाड़े में भारी रकम लेकर उम्मीदवारों को नौकरी दिलाई गई थी।
CBI की छापेमारी और गिरफ्तारी
CBI ने अदालत के निर्देश पर 2 अगस्त 2023 को मामला दर्ज किया था। इसके बाद कई स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसके दौरान 31 जनवरी 2024 को महेश कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसी के मुताबिक, महेश कुमार भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड है और उसने फर्जी डोमिसाइल सर्टिफिकेट तैयार करवाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। उम्मीदवारों से यह सर्टिफिकेट बनवाने के बदले बड़ी रकम वसूली जाती थी।
कोर्ट में पेशी, 5 दिन की पुलिस हिरासत
गिरफ्तारी के बाद महेश कुमार चौधरी को अलीपुर स्थित CBI कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। CBI की FIR में महेश कुमार चौधरी के अलावा राजू गुप्ता और कुछ अज्ञात लोगों के नाम भी दर्ज हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
आगे हो सकते हैं बड़े खुलासे

CBI इस घोटाले की गहराई से जांच कर रही है और यह संभावना जताई जा रही है कि इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि उम्मीदवारों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी तरीके से भर्ती कराने के इस खेल में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं। मामले की जांच अभी जारी है, और आने वाले समय में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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