Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

साजिश बाहर, अपराध छत्तीसगढ़ में: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

CBI जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी नहीं

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि अगर अपराध छत्तीसगढ़ में हुआ हो लेकिन प्रथम दृष्टया साजिश राज्य के बाहर रची गई हो, तो सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार से पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी।

यह फैसला 24.50 करोड़ रुपए की कथित गड़बड़ी के मामले में सुनाया गया, जिसमें विशेष न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी गई।


मामले का विवरण

रायपुर के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रमुख, हुडको सुरेंद्र सिंघई पर आरोप था कि उन्होंने उद्योगपति सुनील मॉल के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। सुनील मॉल कोलकाता स्थित सुनील इस्पात एंड पावर लिमिटेड के संचालक हैं और उनका संयंत्र रायगढ़ के ग्राम चेराईपानी में है।

इन पर आरोप है कि इन्होंने अनुचित तरीके से 24.50 करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त करने के लिए गड़बड़ी की। सीबीआई ने इस मामले की जांच करते हुए पाया कि कथित साजिश कोलकाता और नई दिल्ली में रची गई थी।


विशेष न्यायालय की कार्रवाई सही ठहराई गई

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने कहा कि अपराध से संबंधित साजिश कोलकाता और दिल्ली में रची गई थी। इस साजिश के तहत स्वीकृत ऋण राशि का उपयोग छत्तीसगढ़ में किया गया।

अदालत ने माना कि चूंकि साजिश राज्य के बाहर रची गई थी, इसलिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं थी। हाईकोर्ट ने विशेष न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी।


साजिश की प्रक्रिया: कोलकाता, दिल्ली और छत्तीसगढ़

सीबीआई द्वारा प्रस्तुत केस डायरी के अनुसार:

  • कोलकाता में ऋण स्वीकृत करने का आवेदन प्रस्तुत किया गया।
  • आवेदन हुडको के निदेशक के पास नई दिल्ली भेजा गया, जहां ऋण स्वीकृत हुआ।
  • स्वीकृत ऋण राशि का उपयोग छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में संयंत्र के लिए किया गया।

अदालत ने कहा कि एफआईआर दिल्ली में दर्ज हुई क्योंकि वहां ऋण स्वीकृत किया गया था। आरोप पत्र भी नई दिल्ली में दायर किया गया।


अदालत का निष्कर्ष

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानूनी स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार से अनुमति लेना आवश्यक नहीं था। पुनरीक्षण याचिका में कोई दम नहीं पाया गया और इसे खारिज कर दिया गया।


यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में सीबीआई की स्वायत्तता को लेकर एक अहम मिसाल पेश करता है।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

टोल टैक्स बचाने की कोशिश में बड़ा हादसा, गांव की सड़क पर दौड़ रहा था ट्रेलर

रतनपुर के लिम्हा गांव में एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर दिया। टोल टैक्स बचाने के चक्कर में बेकाबू ट्रेलर एक घर में जा घुसा, जिससे 4 साल की मासूम सौम्या की मौत हो गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना ने सड़क सुरक्षा और जिम्मेदारी की अनदेखी के खतरों को फिर से उजागर किया। पुलिस ने ट्रेलर चालक को गिरफ्तार कर लिया है, और घायलों का इलाज जारी है।

पेंशन प्रकरण में पैसों की डिमांड करने वाली दो महिला लिपिकों पर गिरी निलंबन की गाज

कांकेर जिले के खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय में तैनात दो महिला लिपिकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इन दोनों पर आरोप है कि वे पेंशन मामलों के लिए पैसे की मांग कर रही थीं। यह मामला तब उजागर हुआ जब दोनों के बीच पैसों के लेन-देन का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिससे कार्यालय में काफी हलचल मच गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *