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हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद 2 जनवरी 2025 से नियमित सुनवाई शुरू हो गई है। इसके साथ ही नए रोस्टर को भी लागू किया गया है। नये साल के तहत हाईकोर्ट में चार डिवीजन बेंच और 16 सिंगल बेंच सुनवाई के लिए निर्धारित की गई हैं।
डिवीजन बेंच का वितरण
- पहली डिवीजन बेंच (डीबी):
- जज: चीफ जस्टिस और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल
- मामले:
- सभी रिट मामले (आर्टिकल 323 ए और 323 बी के तहत ट्रिब्यूनल आदेशों को छोड़कर)
- जनहित याचिकाएं
- रिट अपील
- बंदी प्रत्यक्षीकरण
- क्रिमिनल अपील (2020 तक)
- क्रिमिनल अपील (2021 से)
- अवमानना याचिकाएं
- धारा 482 सीआरपीसी के तहत क्रिमिनल आवेदन
- दूसरी डिवीजन बेंच:
- जज: जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत
- मामले:
- सभी क्रिमिनल मामले (जो किसी अन्य डीबी में नहीं हैं)
- टैक्स मामले
- डीबी के सभी रिट मामले
- तीसरी डिवीजन बेंच:
- जज: जस्टिस संजय अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल
- मामले:
- कमर्शियल अपील
- धारा 378 सीआरपीसी के तहत आवेदन
- जेल बंदियों की अपील
- चौथी डिवीजन बेंच:
- जज: जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एनके व्यास
- मामले:
- सभी सिविल मामले
- क्रिमिनल अपील (2020 तक, अंतिम सुनवाई)
- कंपनी अपील
- डीबी के सभी रिट मामले
स्पेशल सिंगल बेंच और सिंगल बेंच जज
- स्पेशल सिंगल बेंच:
- चीफ जस्टिस और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल
- सिंगल बेंच में सुनवाई करने वाले जज:
- जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू
- जस्टिस एन के चन्द्रवंशी
- जस्टिस दीपक कुमार तिवारी
- जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय
- जस्टिस संजय कुमार जायसवाल
- जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा
- जस्टिस बीडी गुरु
- जस्टिस एके प्रसाद
नए रोस्टर के तहत मामलों की सुनवाई का उद्देश्य
इस नए रोस्टर से मामलों की सुनवाई में तेजी आने और मामलों का न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
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