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जिला पंचायत और जनपद पंचायतों में आगामी चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में आयोजित इस प्रक्रिया की अध्यक्षता अतिरिक्त कलेक्टर शिव कुमार बनर्जी ने की। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
जिला पंचायत के 17 निर्वाचन क्षेत्रों और चार जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण चक्रानुक्रम प्रक्रिया के तहत तय कर दिया गया है कि कौन-से वर्ग के प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरेंगे।
जिला पंचायत में आरक्षण का ब्योरा
जिला पंचायत बिलासपुर के 17 क्षेत्रों के लिए आरक्षण प्रक्रिया के अनुसार:
- अनुसूचित जाति के लिए 4 सीटें आरक्षित हैं।
- महिला अनुसूचित जाति के लिए क्षेत्र क्रमांक 11 और 13।
- अनुसूचित जनजाति के लिए 3 सीटें आरक्षित हैं।
- महिला अनुसूचित जनजाति के लिए क्षेत्र क्रमांक 16 और 17।
- अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1 सीट आरक्षित की गई है।
- क्षेत्र क्रमांक 1 को महिला के लिए आरक्षित किया गया।
- अनारक्षित सीटें कुल 9 हैं, जिनमें से 5 सीटें महिला अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।
- क्षेत्र क्रमांक 3, 4, 6, 9 और 14।
- शेष क्षेत्र क्रमांक 5, 7, 8 और 10 पूरी तरह अनारक्षित हैं।
2019-20 की तुलना में बदलाव
पिछले चुनाव में अनुसूचित जाति, जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित क्षेत्रों को इस बार नए सिरे से चक्रानुक्रम प्रक्रिया के तहत तय किया गया है।
4 जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण प्रक्रिया
चार जनपद पंचायतों में भी आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो गई। वर्ष 2024-25 के लिए:
- जनपद पंचायत बिल्हा – अनारक्षित।
- जनपद पंचायत मस्तूरी – अनुसूचित जनजाति महिला।
- जनपद पंचायत कोटा – अनारक्षित महिला।
- जनपद पंचायत तखतपुर – अनुसूचित जाति महिला।
पिछले चुनाव में यह स्थिति अलग थी। उदाहरण के लिए, बिल्हा अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था, जो अब अनारक्षित हो गया है।
चुनावी प्रक्रिया का असर
आरक्षण प्रक्रिया के बाद सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। यह प्रक्रिया सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थी। अब सभी की नजरें आगामी चुनावों पर हैं, जहां हर क्षेत्र से नए चेहरे और पुरानी दावेदारी देखने को मिलेगी।
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